"सैनिकों ने पगड़ी कूड़ेदान में फेंकी..", America ने नंगे सिर डिपोर्ट किए सिख युवकों ने सुनाई दर्दभरी दास्तां
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 04:06 PM (IST)

अमृतसर: सुनहरे भविष्य का सपना लेकर डंकी रूट से अमरीका पहुंचा अमृतसर फा पूर्व फौजी मनदीप सिंह भी 112 भारतीयों के साथ डिपोर्ट हुआ है। जब यह अमरीकी सैनिक विमान से लौटा तो उस इस बात का दुख था कि न केवल अमरीका में डॉलर कमाने का पड़े। दरअसल, जब भारतीय डिपोर्ट होकर लौटे तो उस दौरान कुछ ऐसी फोटो वायरल हो गई जिससे सिख जगत में काफी विरोध हुआ, क्योंकि विमान से उतरने वाले ज्यादातर सिखों के सिर नंगे थे। मनदीप सिंह भी उनमें से एक है।
उसका सपना टूट गया, बल्कि उस मनदीप सिंह की वर्तमान अपनी दाड़ी और केस भी कटवाने की फोटो। मनदीप सिंह ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सेना में नौकरी करने के बाद वह काफी समय से विदेश जाने की कोशिश कर रहा था। उसे कनाडा, ब्रिटेन और यूरोप से पहले ही रिफ्यूजल मिल चुकी थी। इसके बाद वह डंकी रुप्ट के जरिए अमरीका गया। जिसके लिए उसने 35 लाख रुपए खर्च किए। मैभिरको पहुंचने से पहले उसे बहुत तकलीफें सहनी पड़ीं। उसने बताया कि मैक्सिको के बाद तेजुआना में एक डॉकर के घर में मजबूरन दाड़ी और केस कटवाने पड़े। उस दौरान में बहुत रोया कि मजबूरी में मुझे क्या-क्या करना पड़ रहा है। अमेरिकी सैनिकों ने पगड़ी कूड़ेदान में फेंक दी, उसने बताया कि यह 17 साल सेना में रहा है, लेकिन इतनी तकलीफें कभी नहीं देखीं, जितनी डंकी रूप्ट से अमरीका पहुंचने पर देखने को मिलीं। उसने कहा कि यह रुष्ट सबसे खतरनाक है और इस रूट पर लोग सिर्फ भगवान का नाम लेते हैं और कहते हैं कि भगवान हमें बचा लो।
7 दिन पीया गंदा पानी और भूखा रहा
7 दिन तक मैंन उस डॉकर के घर का गंदा पानी पिया। मेरे साथ एक हिंदू लड़का था। हम दोनों मांस नहीं खाते थे, लेकिन यह ठोंकर सिर्फ नॉनवेज राना लाता था जिसके चलते हम दोनों एक हफ्ते तक भूखे रहे। जब हम पकड़े गए तो उन्होंने हमें एक हॉल में खड़ा कर दिया। अमरीकी फौजियों ने उसका कड़ा, श्री साहिब व दुमाला उतारकर डस्टबिन में फेंक दिए। उसने बताया कि यह अंग्रेजी नहीं बोल पाता था और उसने अमरीकी फौजियों को समझाने की कोशिश की कि यह हमारे गुरुओं की देन है, लेकिन यह समझ नहीं पाए और अपनी मनमानी करते रहे। उसने बताया कि जब हमें डिपोर्ट किया जाना था, तब हम सैनडिएगो कैंप के हॉल में बैठे थे। तभी हमें बरों में बिठाया गया और बस में हमें बताया गया कि हमें भारत भेजा जा रहा है। यह सुनते ही सभी के चेहरे पीले पड़ गए, हम सोच रहे थे कि यह हमारे साथ क्या हुआ। कई लोग यहीं रोने लगे और बोले कि वह लाखों रुपए खर्च करके और अपनी जान जोखिम में डालकर यहां क्यों पहुंचे।
40 घंटे की यात्रा में हाथों में हथकड़ियां व पैरों में जंजीरें डाल कर लाए अमरीकी फौजी
मनदीप सिंह ने बताया कि हमें 2 बार वापस कैंप में लाया गया और फिर 40 घंटे की लंबी पात्रा के लिए सैन्य विमान में बिठाया गया। अमरीकी फौजियों ने विमान में बैठाते ही सबके पैरों में जंजीर डाल दी और हाथों में हथकड़ियां लगा दीं। हमें बेहद मुश्किल हालातों में अमृतसर लाया गया। विमान उतरने के समय ही हमारी हथकड़ियों और पैरों की जंजीरं खोली गई और हमें खाना दिया गया। उसने कहा कि बाहे उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया परंतु हम इस बात से खुश हैं कि अपने घर स्ही सलामत और जिंदा पहुंच गए।