कोरोना वायरस : भारत में लंबा चलेगा लॉकडाउन, गरीबों को झेलनी पड़ेगी रोटी और इलाज की किल्लत

punjabkesari.in Thursday, Mar 19, 2020 - 04:05 PM (IST)

जालंधर: कोरोना वायरस को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल के अंत तक वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन लेवल पर पहुंच जाएगा। मतलब शहरों के कई कस्बों और गांवों में यह बीमारी मौत बनकर अपने पैर पसारने शुरू कर सकती है। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि भारत के हर राज्य में लॉकडाउन लंबे समय तक चलेगा। जैसा की विदित है कि हमारे देश में बड़े स्तर पर इस बीमारी से निपटने के लिए पर्याप्त सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। हर क्षेत्र में निजी स्वास्थ्य सैक्टर हावी है। ऐसे में  दैनिक भोगी मजदूरों और ग्रामीण जनता के लिए दो वक्त की रोटी और बीमार होने पर इलाज का जुगाड़ आसान नहीं होगा। हाल ही में शुरू हुए लॉकडाउन (Lockdown) से निजी क्षेत्र में काम कर रहे मजदूर अपनी नौकरी खोने लगे हैं, समुद्री उत्पादों पर प्रतिबंध से मछुआरों की भी रोजी रोटी पर भी संकट छा गया है। किसानों की बात करें तो औलावृष्टि से करीब 9 राज्यों में हुए फसलों को नुकसान की बात मौत के डर में दफन हो गई है।

PunjabKesari 

अप्रैल से जून तक चलेगी गर्म लू 
डाउन टू अर्थ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 (COVID 19) महामारी से पहले मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि अप्रैल से जून के बीच गर्म लू का दौर चलेगा। पिछले साल भी हम इन दिनों बुरा दौर झेल चुके हैं। जलवायु परिवर्तन का इंसानों पर पड़ रहे असर को लेकर जारी लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में बढ़ते तापमान के कारण भारत में 75 अरब श्रम घंटे का नुकसान हुआ, क्योंकि लोग नियमित और निरंतर काम नहीं कर पा रहे हैं। शारीरिक श्रम अभी भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो धीरे-धीरे कृषि आय को विस्थापित कर रहा है। 

PunjabKesari

भारत में लॉकडाउन से कृषि पर संकट


लाखों लोग पहले से ही मंदी के कारण आर्थिक तनाव में हैं और कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते आगे चलकर उन्हें आर्थिक अनिश्चितता में धकेल दिया जाएगा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) भी इस वर्ष भारत में होने वाली अनियमित बारिश, जून से अक्टूबर के दौरान बड़े चक्रवात और तेज गर्मी के संकेत दे चुका है। इसका मतलब है कि भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को पूरे साल आर्थिक गतिरोध को झेलना पड़ेगा। आखिर इसका क्या मतलब है? अब देखना यह है कि देशभर में कोरोना वायरस फैल गया तो इसका गरीबों पर कितना असर पड़ेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Suraj Thakur

Recommended News

Related News