ब्यास नदी में लाखों मछलियां मरी, 8 जिलों में अलर्ट जारी

punjabkesari.in Friday, May 18, 2018 - 12:06 AM (IST)

गुरदासपुर,बटाला(विनोद,गुरप्रीत): ए.बी. ग्रेन स्पिरिट प्राइवेट लिमिटेड (चड्ढा शूगर मिल) कीड़ी अफगाना में रिसीवर टैंक से उबलता शीरा रजबाहे के रास्ते ब्यास दरिया में चले जाने के कारण ब्यास दरिया में करीब 10 लाख मछलियां मर गईं। 

दरिया में मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर  गुरलवलीन सिंह सिद्धू सहित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सूत्रों के मुताबिक प्रशासन को बुधवार को ही दरिया में शीरा घुल जाने की जानकारी थी। मगर वीरवार को लाखों मछलियां मरने से भेद खुल गया। 

सूत्रों के अनुसार घटना मंगलवार रात की है जबकि प्रशासन का कहना है कि घटना बुधवार सुबह हुई। यह भी पता चला है कि लोग मरी मछलियों को ट्रालियों में भर कर ले गए। इसके चलते प्रशासन ने 8 जिलों में अलर्ट जारी करते हुए मछली नहीं खाने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर सिद्धू ने बताया कि गत शाम जैसे ही हमें चड्ढा शूगर मिल से शीरे के रिसाव के कारण मछलियों के मारे जाने का समाचार मिला तो प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी भी मिल में पहुंच गए थे। मिल प्रबंधकों ने जे.सी.बी. मशीनें लगा कर शीरे को बहने से रोकने की बहुत कोशिश की थी, परंतु शीरे की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि उसे रोकना कठिन था। इस संंबंधी हमने संबंधित जिलों को सूचित कर दिया था। 

पानी के ऊपर जम गई शीरे की परत
उक्त अधिकारी ने बताया कि शीरे के ब्यास दरिया में जाने के कारण यह पानी के ऊपर फैल गया तथा सारा पानी काला दिखाई देने लगा। मछलियों को ऑक्सीजन लेने के लिए बार-बार पानी की ऊपरी सतह पर आना पड़ता है परंतु पानी के ऊपर की सतह पर शीरा फैला होने के कारण मछलियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई तथा वे दम तोड़ गईं। उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि शीरे में कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो मामूली जहरीले होते हैं परंतु उसके प्रयोग से किसी की मौत नहीं होती।

क्या कहते हैं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सियन कुलदीप सिंह
मौके पर पहुंचे एक्सियन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कुलदीप सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस घटना को कुछ और ही ढंग से लिया जा रहा है। मिल में किसी तरह का कोई ब्वॉयलर या टैंकर नहीं फटा है। उन्होंने बताया कि जिस टैंक में शीरा भरा हुआ था उसकी क्षमता लगभग एक करोड़ किलोग्राम शीरा स्टोर करने की है। इस टैंक में भरे शीरे को गर्म किया जाता है जो आगे शराब बनाने के लिए भेजा जाता है परंतु इस टैंक में शीरा बहुत अधिक गर्म होने के कारण वह टैंक से उबलना शुरू हो गया तथा लगभग 50 लाख लीटर शीरा उबल कर टैंक से बाहर आ गया। इस शीरे को प्रबंधकों ने रोकने की कोशिश की परंतु वे सफल नहीं हो सके। यह शीरा एक रजबाहे के रास्ते ब्यास दरिया में चला गया। 

पहले भी चर्चा में रही है मिल 
इस संबंधी गांव निवासी बलजीत सिंह, सुखविन्द्र सिंह, गुरमीत सिंह कीड़ी अफगाना ने आरोप लगाया कि टैंक से शीरा ओवरफ्लो होने की घटना बुधवार की है परंतु मिल प्रबंधकों ने कोई ठोस प्रबंध नहीं किया जिससे कि शीरा दरिया में जाने से रोका जा सकता। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे परंतु उन्होंने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि पहले भी यह मिल चर्चा का विषय बनी रहती है। इस संबंधी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। 

किसानों और सरकार का है दबाव: मिल डायरैक्टर 
रिसीवर टैंक में क्षमता से ज्यादा शीरा स्टोर किए जाने पर मिल ग्रुप डायरैक्टर आर.ए. सिंह ने कहा कि हम पर किसानों और सरकार का ज्यादा से ज्यादा गन्ना खरीदने का दबाव है। मिल में ज्यादा गन्ना आने से टैंकों में ज्यादा शीरा स्टोर हो रहा है। जब उनसे इस हादसे बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऑटो रिएक्शन की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि शीरे को जिस तापमान पर उबाला जाता है उसी तापमान पर उबाला गया था लेकिन ऑटो रिएक्शन की वजह से तापमान बढ़ गया। इसे कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की गई है।

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