गिल के नाम से खौफ खाते थे आतंकी, दो बार रहे पंजाब के डीजीपी

punjabkesari.in Friday, May 26, 2017 - 06:02 PM (IST)

नई दिल्ली: सख्त मिजाज अफसर माने जाने वाले पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. के.पी.एस. गिल का आज दिल्ली के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया है। राज्य में आतंकवाद खत्म कराने में उनका अहम योगदान था।

पंजाब में 2 बार डी.जी.पी. बने गिल
केपीएस गिल की पुलिस महानिदेशक पद पर रहते हुए सबसे बड़ी उपलब्धि पंजाब से आतंकवाद का खात्मा करना रही। उन्होंने 2 बार पंजाब के पुलिस महानिदेशक का पद संभाला था। पहली बार वह मई 1988 से दिसंबर 1990 तक दूसरी बार नवंबर 1991 से दिसंबर 1995 तक पंजाब के डी.जी.पी. रहे। गिल पंजाब के डी.जी.पी. तब बने जब राज्य में आतंकवाद चरम पर था। आतंकवाद के खिलाफ इस बड़ी सफलता के बाद गिल ने और भी कई सख्त कदम उठाए थे। 1988 में श्री स्वर्ण मंदिर साहिब में चरमपंथी फिर से एकत्र होने शुरू हो गए थे, लेकिन केपीएस गिल ने ऑपरेशन ब्लैकथंडर के तहत बिना खास गोलीबारी के चरमपंथियों को खदेड़ डाला था। साल 1989 में प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए गिल को भारत के चौथे सबसे बड़े सिविल सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था।

जेतली पर लगाए थे धांधली के गंभीर आरोप
आपको बता दें कि केपीएस गेल ने दो साल पहले वित्त मंत्री अरुण जेतली पर हॉकी इंडिया में धांधली के गंभीर आरोप लगाए थे। ये आरोप उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शिकायत करते हुए लगाए थे। अपने आरोप में उन्होंने कहा था कि हॉकी इंडिया की एडवाइजरी बॉडी का सदस्‍य रहते हुए उन्होंने अपनी बेटी सोनाली जेटली को हॉकी इंडिया का वकील बनवाया और फीस के तौर पर भारी भुगतान प्राप्‍त करने में मदद की। साथ ही उन्होंने केजरीवाल से हॉकी इंडिया में हुई अनियमितताओं की जांच कराने की भी मांग की थी। 

किडनी फेल होने के कारण हुई मौत
बताया जा रहा है कि के.पी.एस. गिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह किडनी से जुड़ी बीमारियों के कारण पीड़ित थे। किडनी फेल होने के कारण उनकी मौत हुई।


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