पंजाब में भी सुरक्षित नहीं बच्च्यिां, अकेले लुधियाना में हर छठे दिन 1 बच्ची बन रही हवस का शिकार

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 10:27 AM (IST)

लुधियाना(ऋषि): महानगर की बस्ती जोधेवाल स्थित संन्यास नगर में बीते मंगलवार को एक हैवान ने दरिंदगी की हद पार करते हुए एक मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया। बच्ची की लाश दूसरे दिन सुबह घर के पास खाली प्लाट में मिली। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या का यह पहला केस नहीं है। अकेले लुधियाना में ही वर्ष 2017 में कमिश्ररेट पुलिस की तरफ से विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दुष्कर्म की 104 एफ.आई.आर्ज दर्ज की गई हैं। इन आंकड़ों के अनुसार हर तीसरे दिन एक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। इनमें से 60 मामलों में 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है। ये कुल दर्ज हुई एफ.आई.आर्ज का 58 प्रतिशत है जो इस बात का प्रमाण है कि हवस के भूखे भेडि़ए हर छठे दिन एक नाबालिगा को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। 


दरिंदों के दिल में नहीं कानून का डर  
बच्चियों के साथ दुष्कर्म के बढ़ रहे मामलों पर प्रदेश के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि कानून लचीला होने के कारण हैवानों के दिलों में कानून का डर नहीं है। उनका मानना है कि सरकार को दुष्कर्म के इन केसों को गंभीरता से लेते हुए दुष्कर्म की धारा-376 में संशोधन कर फांसी की सजा का प्रावधान करना चाहिए। 


गैंगरेप पर 20 साल की सजा
हरियाणा सरकार ने गैंगरेप पर कम से कम 20 साल जेल की सजा का प्रावधान किया है। बच्चियों से छेड़छाड़ और उनका पीछा करने की सजा भी बढ़ा दी गई है। आई.पी.सी. की धारा 376ए, 376डी, 354, 354डी जैसे कानूनों में संशोधन करने का फैसला किया गया है। 

 

9 जिलों में 125 बच्चियों से दुष्कर्म के केस
पंजाब के 9 जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में 125 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के केस दर्ज हुए हैं, जबकि पूरे पंजाब की बात की जाए तो यह आंकड़ा बहुत बड़ा हो सकता है।


मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में बच्ची से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का प्रावधान
करीब 4 महीने पहले मध्य प्रदेश की शिवराज  सरकार ने बच्ची से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का विधेयक पारित कर पहल की है। इसके बाद राजस्थान सरकार ने भी मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर बच्ची से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का प्रावधान किया है। इसके बाद हरियाणा सरकार ने भी नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म पर फांसी जैसे कड़े कानून का प्रावधान कर दिया है। इससे जुड़ा विधेयक हरियाणा विधानसभा में पारित किया जा चुका है। हरियाणा में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म पर अपराध गैर-जमानती होगा और दोषी को फांसी या उम्रकैद की सजा होगी। 


हरियाणा में किस अपराध में कितनी बड़ी सजा  
1 आई.पी.सी. की धारा 376 ए के तहत अगर कोई भी 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म करता है तो उसे फांसी या 14 साल की जेल हो सकती है। जेल की सजा की अवधि बढ़ाई जा सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
2 आई.पी.सी. की धारा 376 डी के तहत भी एक नया प्रावधान किया गया है। यदि 12 साल तक की बच्ची से गैंगरेप होता है तो सभी आरोपी दुष्कर्म के दोषी माने जाएंगे। सभी को मौत की सजा या कम से कम 20 साल जेल होगी। जुर्माने के साथ सजा भी बढ़ाई जा सकती है। जुर्माना पीड़िता को ही दिया जाएगा। उसके मैडीकल पर आए खर्च और पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाएगी। 
3 आई.पी.सी. की धारा-354 के तहत यदि कोई किसी महिला के साथ छेड़छाड़ करता है या दुष्कर्म की कोशिश करता है तो उसे 7 साल की सजा होगी। पहले यह सजा 2 साल थी। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
4 आई.पी.सी. की धारा 354 डी के तहत अगर कोई व्यक्ति महिला का पीछा करता है तो पहली बार ऐसा करने पर 3 साल की सजा और जुर्माना होगा। दोबारा ऐसा करने पर सजा 7 साल तक बढ़ाई जा सकती है। जुर्माना भी लगेगा।
5 हरियाणा में 5 सालों में 12 साल से कम उम्र की 375 से ज्यादा बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ।

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