चंडीगढ़ किसका‍? फिर छिड़ी बहस, हरियाणा-पंजाब के पास राजधानी होने का भी सबूत नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2019 - 09:57 AM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि चंडीगढ़ उसका हिस्सा नहीं है सिर्फ राजधानी है, जबकि पंजाब ने हाईकोर्ट को भटकाते हुए कहा है कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा भी है और राजधानी भी, लेकिन दोनों ही राज्य हाईकोर्ट में चंडीगढ़ उनकी राजधानी है, इसका सबूत या अधिसूचना नहीं दिखा पाए। फूल सिंह नामक व्यक्ति की याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र को इस बारे में एफिडेविट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।  मामले की अगली सुनवाई 23 सितम्बर को होगी।

नहीं देंगे किसी बाहरी को आरक्षण का लाभ 
दोनों राज्यों ने साफ कर दिया है कि चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति, जनजाति या किसी और तरह के किसी भी आरक्षण का लाभ किसी दूसरे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से संबंध रखने वाले किसी नागरिक को नहीं देंगे। वे चाहें तो जनरल कैटेगरी में अप्लाई कर सकते हैं। 

केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय लिया 
चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है, इसको लेकर जस्टिस आर.के. जैन और जस्टिस अरुण कुमार त्यागी की बैंच के समक्ष सुनवाई के दौरान पंजाब तथा हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं, जबकि केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय लिया है। 

चंडीगढ़ ने भी किया इंकार 
हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन के वकील पंकज जैन ने कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है तथा पंजाब और हरियाणा की राजधानी है लेकिन यह दोनों राज्यों का भाग नहीं है।  

पंजाब ने पेश किया दावा 
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कई जजमैंट्स का हवाला देते हुए साफ कर दिया कि पंजाब टैरेटरी के नागरिक यानी कि जिसके पास पंजाब का डोमिसाइल है रिजर्वेशन में सिर्फ वही नौकरी पाने का हकदार है, जबकि चंडीगढ़ का अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला कोई भी व्यक्ति जनरल कैटेगरी में अप्लाई कर सकता है उसे रिजर्वेशन का लाभ नहीं दिया जा सकता।  

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