इमरान के सत्तासीन होने का साइड इफैक्टः पंजाब और J&K में बड़े आतंकी हमलों की आशंका

punjabkesari.in Friday, Jul 27, 2018 - 10:59 AM (IST)

जालंधर (बहल, सोमनाथ): पाकिस्तान के लोकतंत्र का लगभग आधा हिस्सा सैन्य शासन में बीता है। इतिहास गवाह है कि सरकार किसी भी पार्टी की चुनी जाए मगर चलती सेना की मर्जी से है। इसके कई उदाहरण हैं। मसलन पाकिस्तान में कई बार चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सैन्य शासन लागू हो चुका है। चाहे वह जनरल जिया-उल-हक हों, याहिया खान हों या फिर जनरल परवेज मुशर्रफ । उन्होंने अपनी मर्जी से पाकिस्तान में हुकूमत की। कहने का मतलब यह है कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना का दखल इतना ज्यादा है कि इससे मुक्त होना लगभग नामुमकिन है। अब जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई.) के इमरान खान सरकार बनाने और प्रधानमंत्री बनने के करीब हैं तो भारत की खुफिया एजैंसियां भी इमरान खान के पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के साइड इफैक्ट का आकलन करने में जुट गई हैं।

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खुफिया एजैंसियों के अनुसार, इमरान खान के सत्तासीन होने का पंजाब और जम्मू-कश्मीर पर सीधे तौर पर साइड इफैक्ट पडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। खुफिया एजैंसियों से जुड़े अफसरों का कहना है कि आने वाले दिनों में इन दोनों राज्यों में बड़े आतंकी हमले हो सकते हैं। आई.एस.आई. अब पूरी तरह से सत्ता पर हावी हो जाएगी। खुफिया एजैंसियों का आकलन है कि सेना और आई.एस.आई. ने मिशन पंजाब और जम्मू-कश्मीर तैयार किया हुआ है। पहले वे पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के कारण  इस मिशन पर फोकस नहीं कर पा रहे थे। अब उनका सारा फोकस इन दोनों राज्यों पर होगा।

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हमीद गुल लेकर आया इमरान खान को राजनीति में
सूत्रों का कहना है कि अगर इमरान खान प्रधानमंत्री बनते हैं तो सीमा पर घुसपैठ की संभावना बढ़ेगी। वह प्रधानमंत्री बनते ही अपनी इमेज को बेहतर करने के लिए भारत विरोधी बयान भी देंगे। इमरान खान को आई.एस.आई. का पूर्व चीफ  हमीद गुल राजनीति में लेकर आया था। गुल पर तालिबान को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। गुल ने ही इमरान खान को क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था। गुल ने ही इमरान खान को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी बनाने के लिए तैयार किया था।

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सिख रैफरैंडम 2020 के पीछे है आई.एस.आई. 
खुफिया एजैंसियों का मानना है कि सिख रैफरैंडम 2020 के पीछे आई.एस.आई. का हाथ है। आई.एस.आई. ही इसके लिए सिख फॉर जस्टिस को फंडिंग कर रही है। यहां तक कि 12 अगस्त को यू.के. में होने वाली रैली के पीछे भी आई.एस.आई. का दिमाग है। आई.एस.आई. ने एक नया ग्रुप तैयार कर लिया है। आई.एस.आई. का सोशल मीडिया सैल ही इसको प्रोमोट कर रहा है। यू.के. में इस समय दो दर्जन से ज्यादा आई.एस.आई. के मॉड्यूल चल रहे हैं। 

पंजाब में रैफरैंडम 2020 के लिए हवाला के माध्यम से फंडिंग
खुफिया एजैंसियों को पता चला है कि आई.एस.आई. ने पंजाब में रैफरैंडम 2020 के लिए हवाला के माध्यम से फंड भेजा है। पंजाब में सिख फॉर जस्टिस के स्लीपिंग सैल काम कर रहे हैं।  


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