माया के भाई पर Income Tax की छाया, 6 साल पहले हो गया था Media में खुलासा

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2019 - 02:14 PM (IST)

नई दिल्ली। हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार की नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपए की बेनामी संपति आयकर विभाग ने जब्त की है। आपको बता दें की कथित तौर पर बेनामी संपत्तियां जुटाने का यह खेल 2007 में मायावती के सीएम बनने के साथ ही शुरू हो गया था। जनवरी 2013 में अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने दावा किया था कि 2007 सं 2012 के दौरान कुमार की कुछ कंपनियों ने करीब 760 करोड़ रुपए के कैश ट्रांजैक्शन किए थे। 31 जनवरी 2013 को इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया था कि यूपी में बिजनेस इंट्रेस्ट रखने वाली तीन बड़ी नामी रीयल्टी कंपनियों ने कुमार के सहयोगियों के कारनॉस्टी ग्रुप में बैकडोर से 376 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए थे। हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब में इन कंपनियों ने कहा था कि सभी ट्रांजैक्शन कानूनी रूप से सही हैं और राज्य सरकार से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

ऐसे करवाया गया था निवेश 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक  2007-08 में आनंद कुमार के दो पूर्व बिजनेस सहयोगियों और उनकी एक फर्म का जुड़ाव एक दूसरे बिजनेस ग्रुप कारनॉस्टी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से हुआ था। यह कंपनी सितंबर 2006 में जनकपुरी में रजिस्टर्ड हुई थी। 2010 से 2012 के बीच में दो रीयल एस्टेट कंपनियों  ने कारनॉस्टी में 6 और 335 करोड़ रुपये निवेश किए। हालांकि, इन दोनों कंपनियों का कहना है कि इन्वेस्टमेंट सामान्य बिजनस ट्रांजैक्शन हैं। 

49 कंपनियां बहन के सीएम बनने के बाद
उस दौरान इकनॉमिक टाइम्स ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को फाइल किए गए डॉक्युमेंट्स की जांच की थी। इससे पता चला था कि कुमार की कंट्रोलिंग वाली सिर्फ एक कंपनी का ठोस बिजनेस है। बाकी कंपनियां 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बनाई गई थीं। कुमार की 50 कंपनियों में से केवल होटेल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड ही 2007 से पहले रजिस्टर्ड हुई थी। बाकी 49 कंपनियां आनंद कुमार ने 2007 में मायावती के यूपी की सीएम बनने के बाद बनाई गई थी। उस दौरान इन कंपनियों के कारोबार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपये पड़े थे । 

कारनॉस्टी और कुमार का लिंक
कारनॉस्टी में कुल 14 सब्सिडरीज हैं। ये सारी सब्सिडरीज 2007 में मायावती के सत्ता में आने के बाद बनाई गई थी। शुभेंदु तिवारी कारनॉस्टी की सभी 14 सब्सिडरी में डायरेक्टर थे। कुमार और कारनॉस्टी के बीच दूसरी अहम कड़ी चार्टर्ड अकाउंटेंड शुभेंदु तिवारी हैं। शुभेंदु कुमार की दो कंपनियों रेवॉल्यूशनरी रीयल्टर्स और शिवानंद रीयल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर रह चुके हैं। कुमार और कारनॉस्टी ग्रुप के बीच एक बात और कॉमन है। दोनों का चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रशांत कुमार ऐंड असोसिएट्स है। 

376 करोड़ रुपये दिग्गज रीयल्टीज का निवेश
मार्च 2012 तक कारनॉस्टी के पास 620 करोड़ की संपत्ति थी। इसमें से 376 करोड़ रुपये दिग्गज रीयल्टी कंपनियों ने निवेश किए थे। गौर करने लायक बात यह है कि बड़े रीयल्टर्स ने कारनॉस्टी में 'क्लास बी इक्विटी' के जरिए निवेश किया था। क्लास बी इक्विटी लेने पर निवेश करनी वाली कंपनी के पास वोटिंग राइट नहीं होता है। इन रीयल्टी कंपनियों ने 10 रुपये के शेयर के लिए कारनॉस्टी को 1490 रुपये प्रीमियम दिया था।

Suraj Thakur