जब इंदिरा गांधी ने कहा था कि प्रियंका आएगी तो लोग मुझे भूल जाएंगे

punjabkesari.in Thursday, Jan 24, 2019 - 02:07 PM (IST)

जालन्धर(धवन): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी की आज राजनीति में सीधे तौर पर एंट्री हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की लाडली प्रियंका के बारे में एक बार तो हंसते हुए इंदिरा गांधी ने यह भी कह दिया था कि प्रियंका का भविष्य उज्ज्वल है। जब वह बड़ी हो जाएगी तो राजनीति में आने के बाद लोग उन्हें (इंदिरा) भी भूल जाएंगे।

इंदिरा गांधी से करते है प्रियंका की तुलना

ये बात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता माखन लाल फोतेदार ने 2015 में कही थी। यह बात आज कांग्रेसियों में फिर से चर्चा का विषय बना हुई है। इंदिरा ने उस समय यह भी कहा था कि, ‘‘देश के भविष्य के लिए जो मैं हूं, वो भी बन सकती है। उनके हाथ में जिस वक्त देश की कमान रहेगी तो बहुत मजबूत रहेगी।’’कांग्रेसी कार्यकत्र्ता बार-बार यही कह रहे हैं, ‘‘प्रियंका नहीं यह आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है।’’ इंदिरा को करीब से जानने वाले कांग्रेसी नेता यह कहते हैं कि स्व. इंदिरा गांधी प्रियंका व राहुल को बहुत चाहती थी। प्रियंका में लोग इंदिरा की झलक देखते हैं। 2014 में जब प्रियंका प्रचार करने के लिए गई तो लोगों ने उनकी तुलना इंदिरा गांधी से कर दी थी। 2016 के दौरान भी प्रियंका की तुलना इंदिरा से करते हुए कई पोस्टर पहले राजस्थान व फिर उत्तर प्रदेश में भी नजर आए थे।


प्रियंका बेबाक है, बेखौफ है तथा उनकी जुबान बेहद साफ है। भाषणों का तेवर भी हमलावर है। 2014 में रायबरेली में प्रियंका ने कहा था, ‘‘मैंने इंदिरा जी से सीखा था कि जब सच्चाई दिल में होती है, जब दिल का इरादा सही होता है तो एक कवच बन जाता है छाती के अंदर... जितना जलील करते हैं उतना मजबूत बनता है।’’ स्पष्ट तौर पर प्रियंका का हमला मोदी पर था तथा उन्होंने मोदी पर सियासी प्रहार करते हुए कहा था कि वह जितना भी उनके परिवार को जलील करने की कोशिश कर रहे हैं, उतना ही परिवार और मजबूत हो रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रियंका को लेकर भरपूर स्वागत

कांग्रेसियों में उत्साह की झलक सोशल मीडिया पर भी देखने को मिली है। सोशल मीडिया पर प्रियंका के राजनीति में उतरने के फैसले की कांग्रेसियों ने जमकर सराहना की। आज कांग्रेसियों ने सोशल मीडिया पर भरपूर पोस्टें डालीं तथा प्रियंका को महासचिव बनाने के पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के फैसले को जमकर सराहा। 

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