नहीं रहे देश में पहला बिजली स्विच बनाने वाली कंपनी के एम.डी के.एस खोसला

punjabkesari.in Friday, May 11, 2018 - 11:59 PM (IST)

जालंधर(खुराना) : बिजली के स्विच के निर्माण क्षेत्र में देश की पहली कम्पनी होने का गौरव हासिल करने वाले एस.एस.के. गु्रप के मैनेजिंग डायरैक्टर तथा आधार स्तम्भ श्री के.एस. खोसला का आज शाम अकस्मात निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे और डी.एम.सी. अस्पताल में भी दाखिल रहे।  
 

गौरतलब है कि एस.एस.के. गु्रप ने स्विच निर्माण का कार्य 1935 में अविभाजित भारत के शहर लाहौर से शुरू किया था। गु्रप का नामकरण इसके संस्थापक शांति स्वरूप खोसला के नाम से किया गया था। इससे पहले कोई भारतीय कम्पनी बिजली के स्विच नहीं बनाती थी और सभी तरह के स्विच विदेशों से आते थे। 1947 में जब भारत-पाक विभाजन हुआ तो खोसला परिवार को कपूरथला शिफ्ट होना पड़ा। खास बात यह रही कि पाकिस्तान से भारत आते समय खोसला परिवार अपने साथ 100 के करीब दूसरे परिवारों को भी साथ लेकर भारत आया और उनके साथ मिलकर कपूरथला में छोटा-सा यूनिट शुरू किया।

इसे खोसला परिवार की मेहनत तथा निष्ठा ही कहेंगे कि आज यह कम्पनी 140 करोड़ से ज्यादा की टर्नओवर वाली है और कपूरथला में 6 यूनिटों के अलावा हिमाचल के संसारपुर टैरेस और जालंधर के सूरानुस्सी में भी इनके मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं। एस.एस.के. ग्रुप को आज भी क्वालिटी और पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। लंबा-चौड़ा डीलर नैटवर्क तथा करोड़ों उपभोक्ता होने केसाथ भारतीय रेलवेज इस गु्रप का सबसे बड़ा कस्टमर है।  शताब्दी तथा राजधानी जैसी अत्याधुनिक रेलगाडिय़ों में ज्यादातर एस.एस.के. मार्का वाले स्विच ही इस्तेमाल होते हैं। 

स्व. के.एस. खोसला सही मायनों में एक युग पुरुष थे। वह अत्यंत जिंदादिल इंसान होने के साथ-साथ समाजसेवा में काफी सक्रिय थे और नियमित रूप से विधवाओं, बुजुर्गों व विकलांगों की सहायता किया करते थे। ग्रुप के 900 कामगारों की जरूरतों का ख्याल रखते थे। अब इस गु्रप की कमान उनके सुपुत्र श्री नितिन खोसला के हाथों में है। दिवंगत आत्मा का अंतिम संस्कार शनिवार 12 मई दोपहर 1 बजे माडल टाऊन, श्मशानघाट जालंधर में होगा और शवयात्रा उनके निवास, निकट गीता मंदिर, माडल टाऊन से चलेगी। उनके निधन का समाचार मिलते ही उद्योग जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई।

Vaneet