ड्रग्स बेचकर खालिस्तानी कमा रहे हैं करोडों, भारत में आतंक फैलाने के लिए विदेशों से फंडिंग

punjabkesari.in Thursday, Dec 10, 2020 - 11:09 AM (IST)

-एन.आई.ए. की चार्जशीट में खुलासा, स्मगलिंग से कमाए से हाे रही है टैटर फंडिंग
-पाक से ऑपरेट हो रहा है 'खालिस्तान लिबरेशन फोर्स', आई.एस.आई. के इशारे पर हवाला ट्रांजेक्शन

जालंधर। (सूरज ठाकुर) पाकिस्तान पंजाब में आतंकवाद का जीवित करने के लिए भयंकर साजिशें कर रहा है। विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकी और पाकिस्तानी ड्रग माफिया आई.एस.आई. के इशारे पर पहले भारत में ड्रग्स का अरबों का कारोबार कर रहे हैं। इसके बाद जहर बेच कर कमाए इस पैसे को हवाला के जरिए विदेशों में भेजा जाता है, जहां से पंजाब और भारत के विभिन्न हिस्सों में माहौल खराब करने के लिए टैरर फंडिग की जाती है। इस बात का खुलासा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण एन.आई.ए. ने  मोहाली की विशेष अदालत में दायर की गई हाल ही में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया है। यही नहीं पाकिस्तान अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और कश्मीरी और खालीस्तानी आतंकियों को एकजुट करके पंजाब व देश के अन्य हिस्सों में माहौल खराब करने की कोशिश लगातार कर रहा है।

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क्या है चार्जशीट में
चार्जशीट में कहा गया है कि आतंकवादियों ने खालिस्तानी संगठन 'खालिस्तान लिबरेशन फोर्स' के नाम पर ऑस्ट्रेलिया ,इटली, पाकिस्तान ,यूएई और ब्रिटेन से टेरर फंडिंग हासिल की है। एन.आई.ए. ने नारको टैरर के मामले में पाकिस्तान से संचालित के.एल.एफ के आतंकवादी जसवीर सिंह सामरा व धर्मिन्दर सिंह उर्फ धन्ना को 9 लोगों सहित गिरफ्तार किया था। जिसकी पहली चार्जशीट 29 मई 2020 को दाखिल की गई थी।

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क्या है मामला
एनआईए की जांच के मुताबिक के.एल.एफ के आतंकवादी जसवीर सिंह सामरा व धर्मिन्दर सिंह उर्फ धन्ना पाकिस्तान की मदद से पंजाब में हैरोइन की स्मगलिंग कर रहे थे। हैरोइन को बेचकर मिलने वाले पैसे को सामरा के.एल.एफ. के पास पहुंचाता था। इस पैसे से पंजाब के भोले-भाले युवाओं का बहका कर टैरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। सामरा और दूसरे आतंकवादियों के कब्जे से पुलिस ने  500 ग्राम हेरोइन और 1,20,000 की नकदी भी बरामद की थी। टेरर फंडिंग मामले में के.एल.एफ. प्रमुख हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी और दुबई के अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्कर और हवाला कारोबारी जसमीत सिंह हकीमजादा का नाम भी समाने आया था। हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी की जनवरी 2020 में मौत हो चुकी है।

 

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के.एल.एफ. का प्रमुख बनने की कवायद
हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी की लाहौर में इस वर्ष हुई संदिग्ध मौत के बाद उनके प्रमुख पद पर काबिज होने की कवायद तेज हो गई है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक प्रमुख पद के दावेदारों में अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह रोडे, स्विट्जरलैंड में रह रहा पप्पू सिंह, इटली निवासी गुरजिंदर सिंह शास्त्री, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रवक्ता धन्ना सिंह, गुरुचरणवीर सिंह वाहीवाला और ब्रिटेन निवासी परमजीत सिंह पंजवड़ शामिल हैं। यहां उल्लेखनीय यह है कि लखबीर सिंह रोड़े, ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा है। पाकिस्तान वर्तमान में आतंकियों की मदद करने के लिए भारत सीमा पर ड्रग्स की जमकर स्मगलिंग करवा रहा है। इससे जमा होने वाले पैसे से ही भारत में ड्रोन के जरिए हथियार पहुंचा रहा है।

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आतंकी संगठनों के प्रमुख जो भाग गए थे पाकिस्तान
पंजाब में 90 के दशक में आतंकवाद का सफाया होने के बाद पाकिस्तान ने कई आतंकियों को पनाह दी और उन्हें भारत में आतंक फैलाने के लिए तैयार किया। साउथ एशिया टैररिज्म पोर्टल के मुताबिक भारत की खुफिया एजेंसियों के पास पाकिस्तान भागे इन आतंकियों का पूरा रिकॉर्ड है। यही नहीं इनके नाम व पते भी एजेंसियों के पास हैं। इनमें कई तो उम्रदराज हो चुके हैं और आतंकियों का मार्ग दर्शन करते हैं।


-वाधवा सिंह उर्फ चाचा पुत्र अमर सिंह, ग्राम संधू चट्ठा, जिला कपूरथला - बब्बर खालसा इंटरनेशनल प्रमुख (बीकेआई)।   इमरान खान, कैंसर अस्पताल, मुल्तान रोड, लाहौर के पास वलंशा कॉलोनी।

-रणजीत सिंह उर्फ नीटा पुत्र दर्शन सिंह, निवासी सिम्बल कैंप, आर.एस पुरा, जिला जम्मू - खालिस्तान जिंदा फोर्स प्रमुख (केजेएफ)। भाखड़ा कोठ, सेना छावनी, लाहौर के पास।

-परमजीत सिंह पंजवड़ पुत्र कश्मीरा सिंह, गांव पंजवड़, जिला अमृतसर - खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख (केसीएफ)। टाउनशिप क्षेत्र, अकबर चौक, नेसपैक कॉलोनी, लाहौर।

-गजेन्द्र सिंह के पुत्र मनोहर सिंह, निवासी 3646 सेक्टर 23-डी, चंडीगढ़ -  दल खालसा इंटरनेशनल प्रमुख। केयर ऑफ आइमैथ-बारनी, 538 / एन, उस्मानाबाद, लाहौर।

-लखबीर सिंह रोडे पुत्र जागीर सिंह, ग्राम रोड, जिला मोगा - मुख्य आई.एस.वाई.एफ (रोडे) प्रमुख। हाउस नंबर 20, पीआईए कॉलोनी रक्षा, लाहौर।

 

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भारत ने पाक को कहा था आतंकियों को सौंप दो
साल 2002 की बात करें तो पाकिस्तान की शरण में आए चरमपंथियों की मदद से भारत में एक बार फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश की थी। 31 जनवरी 2002 को पंजाब के सतनौर गांव के पास पंजाब रोडवेज बस में एक विस्फोट हुआ था। जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 14 अन्य घायल हो गए। 31 मार्च, 2002 को सरहिंद रेलवे स्टेशन पर धनबाद-फिरोजपुर एक्सप्रेस ट्रेन में एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। इन सभी घटनाओं और इससे पूर्व 31 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की और दिसंबर 2002 में पांच सिख चरमपंथियों सहित 20 आतंकवादियों का प्रत्यर्पण करने के लिए कहा था। बताया जाता है कि ऐसा न करते हुए पाकिस्तान ने उल्टा इन चरमपंथियों को भरोसा दिलाया था कि वे यहां सुरक्षित हैं और भारत की इस मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई खालिस्तानी और कश्मीरी चरमपंथियों को भारत में आतंकी हमलों के लिए मजबूर कर रहा है। आई.एस.आई. कई बार इन संगठनों से कह चुकी है कि या तो भारत पर हमला करो या फिर हमारा देश छोड़ दो।
 


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