लाला लाजपत राय की जयंती आज, जानिए उन्होंने कैसे की थी पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना

punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2020 - 03:53 PM (IST)

जालंधर: आज लाला लाजपत राय की जयंती है। लाला लाजपत राय भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में से एक थे। उनका जन्म 28 जनवरी 1865 को हुआ था और मृत्यु 17 नवम्बर 1928 को हुई थी। इन्हें पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इस दौरान अंग्रेजों ने लाठी-चार्ज कर दिया था, जिसमें वे बुरी तरह से घायल हो गए। इस घटना के कुछ दिन बाद 17 नवंबर 1928 को इनकी मृत्यु हो गई। इस मौके पर आपको बताने जा रहे हैं कि ब्रिटिश बैंकों और कंपनियों से निजात दिलाने के लिए लाला लाजपत राय ने पंजाब नैशनल बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।  



ऐसे शुरू हुई थी राष्ट्रीय बैंक खोलने की कवायद
पंजाब नैशनल बैंक 19 मई 1894 को केवल 14 शेयरधारकों और 7 निदेशकों के साथ शुरू किया गया था। लाला लाजपत राय इस बात से काफी चिंतित थे कि ब्रिटिश बैंकों और कंपनियों को चलाने के लिए भारतीय पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन इसका मुनाफा अंग्रेज उठा रहे थे जबकि भारतीयों को महज कुछ ब्याज मिला करता था। उन्होंने आर्य समाज के राय बहादुर मूल राज के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया। मूल राज भी लंबे समय से चाह रहे थे कि भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहिए। राय मूल राज के अनुरोध पर लाला लाजपत राय ने चुनिंदा दोस्तों को एक चिट्ठी भेजी जो स्वदेशी भारतीय ज्वाइंट स्टॉक बैंक की स्थापना में पहला कदम था। इंडियन कंपनी एक्ट 1882 के अधिनियम 6 के तहत 19 मई 1894 को पीएनबी की स्थापना हो गई। बैंक का प्रॉस्पेक्टस ट्रिब्यून के साथ ही उर्दू के अख़बार-ए-आम और पैसा अख़बार में प्रकाशित किया गया था।



बैसाखी से एक दिन पहले खुला था बैंक
23 मई को संस्थापकों ने पीएनबी के पहले अध्यक्ष सरदार दयाल सिंह मजीठिया के लाहौर स्थित निवास पर बैठक की और इस योजना के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया। उन्होंने लाहौर के अनारकली बाज़ार में पोस्ट ऑफिस के सामने और प्रसिद्ध रामा ब्रदर्स स्टोर्स के पास एक घर किराए पर लेने का फैसला किया। 12 अप्रैल 1895 को पंजाब के त्योहार बैसाखी से ठीक एक दिन पहले बैंक को कारोबार के लिए खोल दिया गया। पहली बैठक में ही बैंक के मूल तत्वों को स्पष्ट कर दिया गया था। 14 शेयरधारकों और 7 निदेशकों ने बैंक के शेयरों का बहुत कम हिस्सा लिया। लाला लाजपत राय, दयाल सिंह मजीठिया, लाला हरकिशन लाल, लाला लालचंद, काली प्रोसन्ना, प्रभु दयाल और लाला ढोलना दास बैंक के शुरुआती दिनों में इसके मैनेजमेंट के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े हुए थे।



 

Edited By

Sunita sarangal