कैप्टन के राजहठ पर भारी पड़ते हैं सिद्धू के शब्दभेदी बाण

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 09:38 AM (IST)

इलैक्शन डैस्क (सूरज ठाकुर): सियासी दंगल में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के राजहठ पर उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भारी पड़ते दिख रहे हैं। कैप्टन जहां पंजाब की सियासत में हठी किस्म के इंसान माने जाते हैं वहीं सिद्धू भी शब्दभेदी बाणों के सरताज कहे जाने लगे हैं।

राज्य की कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी ने सार्वजनिक तौर पर यह तक कह डाला कि सिद्धू की पंजाब में प्रचार के लिए जरूरत नहीं है। इस पर सिद्धू भी नहीं चूके और चैनल को दिए इंटरव्यू में इशारा किया कि वह बिन बुलाए दरबार साहिब और माता रानी के दरबार के अलावा कहीं भी नहीं जाते हैं। कैप्टन अमरेंद्र ने गुरदासपुर में कहा कि भविष्य में आप सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में देखेंगे। इस बात को भी लेकर अंदरखाते सिद्धू को टीस पहुंचना स्वाभाविक है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनका उपमुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था। इसके बाद वोकल कॉर्ड में खराबी होने के बावजूद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के कहने पर बङ्क्षठडा की रैली में पहुंचे। जाहिर है कि सिद्धू का राहुल और प्रियंका गांधी से डायरैक्ट कनैक्शन है।     -

जो राहुल-प्रियंका कहते हैं मैं करता हूं
नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘प्रियंका जी के साथ पंजाब जा रहा हूं। प्रियंका, राहुल जी और आलाकमान जो कहता है, करता हूं। जो अहमद पटेल जी के यहां से प्रोग्राम बनता है वैसा करता हूं। साथ उन्होंने यह भी कहा,  ‘‘शतरंज की बिसात बिछी हो और प्यादा अपनी औकात भूल जाए तो कुचला जाता है इसलिए जो हुक्म होता है वह मैं कर देता हूं।’’ उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस आलाकमान के कहने पर स्टार प्रचारक के तौर पर 85 रैलियां कीं। पंजाब में विवादों के चलते उनके चुनाव प्रचार में हिस्सा न लेने की अटकलें लगाई जा रही थीं, बङ्क्षठडा की रैली के बाद उन पर अब विराम लग गया है।   

प्रियंका जहां कहेंगी चुनाव प्रचार करूंगा
बठिंडा में हुई रैली में सिद्धू ने यह तक कह दिया कि उन्हें प्रियंका गांधी कहीं भी चुनाव प्रचार के लिए कहेंगी वह वहां जाएंगे। हालांकि सी.एम. कैप्टन ने मीडिया के एक प्रश्न के उत्तर में यह कहा था कि सिद्धू की किसी भी प्रत्याशी को चुनाव प्रचार की जरूरत होगी तो वह उन्हें बुला सकता है। राज्य पंजाब में सिद्धू की 16 मई तक कोई रैली नहीं थी और 17 मई प्रचार का आखिरी दिन है। प्रियंका और राहुल के एक इशारे पर गला खराब होने के बावजूद प्रचार में कूदना अपने आप में बहुत मायने रखता है, क्योंकि जबसे राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तबसे पंजाब की सीनियर लीडरशिप और सिद्धू के बीच शीत युद्ध चल रहा है।

कैप्टन और सिद्धू में विवाद
2017 में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन आमने-सामने रहे हैं। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर कैप्टन ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए। इसके बावजूद वह पाकिस्तान गए। करतारपुर कॉरिडोर से पहले वह इमरान खान के शपथ समारोह में गए तो वहां के सेनाध्यक्ष से गले मिलने के मुद्दे पर कैप्टन राजहठ में बिफरे रहे। इसके बाद 2018 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सिद्धू ने अमरेंद्र को अपना कैप्टन मानने से इंकार कर दिया। इतना कुछ होने के बाद उन्होंने कैप्टन से माफी तो मांग ली पर ऐसा माना जा रहा है कि शीत युद्ध अभी भी जारी है।

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