लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने बनाई नई रणनीति

punjabkesari.in Tuesday, Jan 29, 2019 - 11:02 AM (IST)

जालंधर(धवन): 3 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अब अप्रैल-मई महीने में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। राहुल ने अब लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन करने के लिए नई रणनीति बनाई है, जिसके तहत उम्मीदवारों को चुनने में कार्यकत्र्ताओं की महत्ता बढ़ेगी।

उम्मीदवारों को लेकर करवाएगी सर्वे 

ऐसा फैसला लेकर राहुल ने कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं का जोश बढ़ाने का निर्णय लिया है। जमीनी स्तर के कार्यकत्र्ताओं को सम्मान देने के फैसले राहुल गांधी पहले भी ले चुके हैं। कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों का चयन करने से पहले कांग्रेस के जमीनी कार्यकत्र्ताओं को फोन या एस.एम.एस. करके उम्मीदवारों का नाम पूछा जा सकता है। लोकसभा हलकों के अनुसार कार्यकत्र्ताओं को दिल्ली से एस.एम.एस. भेजे जा सकते हैं। दूसरे चरण में पार्टी 5 प्रमुख उम्मीदवारों की सूची तैयार करेगी, जिनके नाम बूथ स्तर के कार्यकत्र्ताओं ने सुझाए होंगे। उसके बाद पार्टी इन 5 उम्मीदवारों को लेकर अपना सर्वे करवाएगी तथा कार्यकत्र्ताओं से उनके बारे में भी राय लेगी। इन पांचों में से 3 मजबूत उम्मीदवारों के नाम तैयार किए जाएंगे। यह सूची अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की स्क्रीनिंग कमेटी के पास रखी जाएगी। 

सूत्रों ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी इन नामों पर गौर करेगी तथा अपने स्तर पर सूची को अंतिम रूप देकर कांग्रेस कार्यसमिति के पास भेजेगी। इस संबंध में पहल गुजरात, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान से कर दी गई है। छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है जिसमें बूथ स्तर के कार्यकत्र्ताओं को अपना उम्मीदवार चुनने के अधिकार दिए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि नवम्बर महीने में कांग्रेस ने इसी तरह की रणनीति मध्य प्रदेश को लेकर अपनाई थी जहां बूथ स्तरीय कार्यकत्र्ताओं की राय लेने के बाद उम्मीदवारों का चयन किया गया था।

राहुल गांधी ने अब सभी राज्य इकाइयों को लोकसभा चुनाव से 2 महीने पहले इसी प्रकार की पद्धति को अपनाने के लिए कहा है। कांग्रेसी नेता ने बताया कि बूथ स्तरीय कार्यकत्र्ताओं की राय काफी महत्वपूर्ण होती है। यद्यपि प्रदेश स्तर के कांग्रेसी नेताओं की राय भी महत्वपूर्ण रहेगी परन्तु उनके साथ-साथ जमीनी नेताओं को आगे लाकर राहुल गांधी ने एक प्रकार से पार्टी संगठन को निम्र स्तर तक मजबूती देने का काम किया है।

 

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