देश के करोड़पति सांसदों का वेतन और भत्ते हैं देश में कर मुक्त

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2019 - 03:00 PM (IST)

नई दिल्ली(सूरज ठाकुर): अंतरिम बजट को मिलाकर मोदी सरकार का सातवां बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पटल पर रख दिया है। इसमें देश के अमीर नागरिकों में से अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ा है। अब समृद्ध लोगों को 2 से 5 करोड़ तक की सालाना आय पर 3 फीसदी अतिरिक्‍त टैक्‍स देना होगा। यहां आपको बताने जा रहें हैं कि देश में हाल ही में चुनकर आए सांसदों में से 430 सांसदों की कुल चल-अचल संपति करोड़ों में है, लेकिन इनके वेतन और भत्तों पर कोई टैक्स नहीं है। लोकसभा चुनाव से पूर्व मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक्‍ट 1954 में संशोधन कर सांसदों की सैलरी बढाई दी गई है। सासदों की सेलरी को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। बेसिक सेलरी के अलावा सांसदों को कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।

संसदीय क्षेत्र और कार्यालय भत्ता
एक लाख रुपए सेलरी के अलावा सांसदों को संसदीय क्षेत्र भत्ते के 45 हजार रुपये मिलते हैं। इसमें 15 हजार रुपये स्टेशनरी और पोस्टेज के लिए और 30 हजार रुपये सचिवालय सहायकों को भुगतान करने के लिए मिलते हैं। सांसदों को 45 हजार रुपये कार्यालय भत्ता खर्च भी दिया जाता है। इसके अलावा संसद में उपस्थित होने पर उन्हें 2 हजार रुपये हर दैनिक भत्ता भी मिलता है।

घर पर खर्च के लिए भत्ता
सैलरी और भत्तों के अलावा सांसदों को घर में तीन टेलीफोन दिए जाते हैं।  हर फोन पर सालाना 50,000 लोकल कॉल मुफ्त दी जाती है। घर में फर्नीचर के लिए 75 हजार रुपये मिलते हैं। घर मे सालाना 40 लाख लीटर मुफ्त पानी मिलता है। वहीं सालाना 50 हजार यूनिट बिजली मुफ्त भी दी जाती है। दिल्ली के पॉश इलाके में फ्लैट या बंगला भी मिलता है. वाहन के लिए ब्याज रहित लोन 4 लाख रुपये तक मिलता है। कंप्यूटर खरीदने के लिए दो लाख रुपये सरकारी खजाने से लिया जा सकता है और हर तीसरे महीने पर्दे और सोफा कवर धुलवाने का खर्च सरकारी खजाने से लिया जा सकता है।

रेल यात्रा मुफ्त
रेल यात्रा के लिए फर्स्ट एसी का टिकट मुफ्त हासिल होता है। पत्नी या किसी और के साथ साल मे 34 हवाई यात्राएं मुफ्त मिलती है। सड़क यात्रा के लिए 16 रुपये प्रति किलोमीटर का किराया भत्ता मिलता है। सांसद और उसके आश्रितों को किसी भी सरकारी अस्पताल मे मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। निजी अस्पतालों में इलाज पर भी वास्तविक खर्च का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। सबसे अहम बात की देश के बजट को पारित करने वाले सांसदों को अपनी आय का एक भी रुपया टैक्स के रुप में अदा नहीं करना पड़ता है। सांसदों को अपने वेतन और भत्तों पर टैक्स बिलकुल मुक्त हैं।

Suraj Thakur