मौसम विज्ञान इकाइयां स्थापित करने में चूक गया पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, संसदीय समिति ने उठाए सवाल

punjabkesari.in Friday, Feb 10, 2023 - 07:09 PM (IST)

जालंधर, नैशनल डैस्क: संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2022 में मौसम आधारित कृषि-सलाहकार सेवाएं प्रदान करने में संतोषजनक प्रगति करने के बावजूद पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एम.ओ.ई.एस.) से कुछ चूक हुई हैं। जिला कृषि-मौसम विज्ञान क्षेत्रीय इकाइयों (डी.ए.एम.यू.) की स्थापना में मंत्रालय की रफ्तार धीमी रही है, जो जिला और उप-जिला-स्तरीय कृषि-मौसम परामर्श तैयार करने और प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार हैं।

देश में कुल 199 डी.ए.एम.यू.
2021-22 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, उत्तराखंड के अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में 3 डी.ए.एम.यू. की स्थापना की गई है, जबकि  लक्ष्य 20 डी.ए.एम.यू. था। अब तक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आई.एम.डी.) ने देश में कुल 199 डी.ए.एम.यू. स्थापित किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डी.ए.एम.यू. नेटवर्क के विकास की गति इसके लिए सीमित धन उपलब्ध होने के कारण प्रभावित हुई थी। हालांकि जनवरी 2023 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आई.एम.डी. 2025 तक 660 डी.ए.एम.यू. स्थापित करने का लक्ष्य रखेगा।

डॉपलर वेदर रडार लगाने का काम धीमा
किसानों के लिए मौसम सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के लिए एम.ओ.ई.एस. ने 2026 तक जिला स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्रों (के.वी.के.) के परिसर में 100 डी.ए.एम.यू. स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। समिति ने लिखा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित डॉप्लर वेदर रडार (डी.डब्ल्यू.आर.) को स्थापित करने और चालू करने में मंत्रालय धीमा रहा है। डॉपलर मौसम रडार चरम मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी कर सकता है। मंत्रालय हिमालयी राज्यों में डी.डब्ल्यू.आर. स्थापित करने को प्राथमिकता दे रहा है, जो विशेष रूप से चरम मौसम की घटनाओं के प्रति संवेदनशील हैं। अब तक उत्तराखंड में मुक्तेश्वर और सुरकंडा देवी, हिमाचल प्रदेश में कुफरी, दिल्ली में जम्मू, लेह और आया नगर में छह डी.डब्ल्यू.आर. स्थापित किए जा चुके हैं।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए सुधार की जरुरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि डी.डब्ल्यू.आर. जल्द ही उत्तराखंड के लैंसडाउन, हिमाचल प्रदेश के मुरारी देवी और जोत और जम्मू-कश्मीर के बनिहाल टॉप में स्थापित किए जाएंगे। समिति के मुताबिक स्वचालित मौसम स्टेशन (ए.डब्ल्यू.एस.) जलवायु संदर्भ स्टेशन और एक्स-बैंड रडार स्थापित करने में प्रगति धीमी रही है, जो बादल विकास और हल्की वर्षा का अध्ययन करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति अनुशंसा करती है कि मंत्रालय एक्रॉस योजना के तहत निर्धारित भौतिक लक्ष्यों की प्राप्ति के संदर्भ में अपने प्रदर्शन पर फिर से विचार करे और इसे सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करे।


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Content Editor

SS Thakur

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