बैसाखी की बधाई देते हुए पंजाबियों को नजरअंदाज कर गए मोदी

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 10:06 PM (IST)

जालंधर(नरेश कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को बैसाखी के मौके पर देश भर के लोगों को दी गई बधाई के दौरान पंजाब और पंजाबी भाषा को बुरे तरीके से नजर अंदाज कर दिया गया। 

प्रैस इंफर्मेशन ब्यूरो के जरिए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में प्रधानमंत्री ने बंगाल, केरला, तमिलनाडु और असम की भाषा में उन्हें स्थानीय त्यौहारों पर उनकी भाषा में बधाई दी लेकिन पंजाबी भाषा में बधाई नहीं दी गई। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी की गई विज्ञप्ति में तमिलनाडु के लोगों को पुथंडू (तमिल नववर्ष) त्यौहार के मौके पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा कि मैं नववर्ष पर तमिलनाडु के लोगों की आकांक्षाएं पूरी होने की कामना करता हूं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने केरला के लोगों को विशु त्यौहार की बधाई दी। इसके अलावा बंगाली लोगों को बंगाली भाषा में बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा कि मैं पोयला बोयशाख (बांगला नववर्ष) की बधाई देता हूं और राज्य के लोगों की समृद्धि, शांति और खुशी की कामना करता हूं। 

इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने असम के नागरिकों को बोहाग बीहू की भी बधाई दी और उड़ीसा के लोगों को महा विशुभा संक्रांति की बधाई दी। लेकिन इस पूरी प्रैस रिलीज में पंजाब के लोगों का कोई जिक्र नहीं है जबकि पंजाब के लिए बैसाखी न सिर्फ आॢथक रूप से मायने रखती है बल्कि पंजाब के लिए इसका धार्मिक महत्व भी है। 1699 को बैसाखी वाले दिन ही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी और सिख समाज में इस दिन की खास अहमियत है। पंजाब में फसलों की कटाई इसी दिन शुरू होती है और देश का पेट पालने वाला पंजाब का किसान इसी दिन से घर के शुभ कार्य शुरू करता है। लेकिन पंजाब के लिए खास अहमियत रखने वाले इस त्यौहार की पंजाबी में बधाई देना प्रधानमंत्री ने जरूरी नहीं समझा।

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