सिद्धारमैया की पसंद को देखते अधिकतर मौजूदा विधायकों को कर्नाटक में मिलेंगी टिकटें
punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 09:24 AM (IST)

जालंधर (धवन): कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पसंद को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अधिकांश मौजूदा विधायकों को टिकटें प्रदान कर दी जाएंगी। कर्नाटक में राज्य विधानसभा के आम चुनावों का ऐलान केन्द्रीय चुनाव आयोग कर चुका है, जिसे देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व द्वारा कर्नाटक में उम्मीदवारों की पहली सूची 15 अप्रैल तक जारी कर दी जाएगी। सिद्धारमैया ने कर्नाटक में जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव खेलने का निर्णय लिया है तथा इस संबंध में उन्होंने विभिन्न प्रकार के सर्वे करवाए हैं, जिनकी रिपोर्टें कांग्रेस नेतृत्व को भेजी गई हैं। कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसका असर 2019 में होने वाले लोकसभा के आम चुनावों पर पडऩा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पसंद को पूरा समर्थन दे रहे हैं।
सिद्धारमैया ने कर्नाटक में लिंगायत कार्ड खेलकर भाजपा को हिन्दूत्व का एजैंडा त्यागने के लिए विवश कर दिया है। सिद्धारमैया के चक्रव्यूह में इस समय भाजपा फंस चुकी है। कांग्रेसी उम्मीदवारों का चयन करने के लिए केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में 11 अप्रैल से शुरू होगी तथा यह लगातार 3 दिनों तक जारी रहेगी। ए.आई.सी.सी.की स्क्रीङ्क्षनग कमेटी मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में बनी हुई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला कांग्रेस कमेटियों से प्राप्त रिपोर्टें मुख्यमंत्री की मार्फत केन्द्रीय नेतृत्व को भेजी गई हैं।
पंजाब का फार्मूला कर्नाटक में भी लागू
कर्नाटक में चाहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पुत्र को चुनाव लड़ाने बारे सहमति हो गई है परन्तु फिर भी पार्टी रिश्तेदारों को ज्यादा टिकटें आबंटित करने के विरुद्ध है। पंजाब में भी कांग्रेसियों के रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा बनाए गए फार्मूले के कारण टिकटें नहीं मिली थी, ऐसा ही फार्मूला कर्नाटक के लिए भी तैयार किया गया है, क्योंकि जब रिश्तेदारों को टिकटें दी जाती हैं, उससे कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं का मनोबल गिरता है। इस तरह पंजाब का फार्मूला कर्नाटक में भी लागू करने की तैयारियां हो गई हैं। कै. अमरेन्द्र सिंह हमेशा रिश्तेदारों को टिकटें देने का विरोध करते रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि कांग्रेस को मजबूती देने के लिए आम कार्यकत्र्ताओं को आगे लाया जाना चाहिए। इसी तर्ज पर कर्नाटक में भी कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के बच्चों को टिकटें मिलने के आसार नहीं हैं।