'काला तीतर' मामले में बढ़ सकती हैं सिद्धू की मुश्किलें, एनिमल बोर्ड ने मांगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 01:48 PM (IST)

चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लिए पाकिस्तान से 'काले तीतर' की ट्रॉफी लाने के बाद पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। 

हाल ही में वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) के वॉलंटियर संदीप जैन द्वारा सिद्धू के खिलाफ जांच की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करवार्इ गर्इ थी, जिसके तहत एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने इस मामले में 3 दिन में वन विभाग के डी.जी., दिल्ली के स्पेशल सेक्रेटरी, वन विभाग (वन्यजीव) के ए.डी.जी. और चंडीगढ़ के चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन से रिपोर्ट मांगी है। बोर्ड का कहना है कि उन्होंने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत इस मामले में क्या कार्रवाई की?


कैप्टन ने नहीं कबूल किया था यह तोहफा
गत बुुधवार को जब सिद्धू यह ट्रॉफी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को भेंट करने पहुंचे लेकिन उन्होंने ने इसे लेने से इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना वन्य जीव विभाग की अनुमति के वह इस सौगात को कबूल नहीं कर सकते। खुद सिद्धू ने प्रैस कॉन्फ्रैंस में कहा था कि मुख्यमंत्री ने काला तीतर की ट्रॉफी को कबूल नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं वन्य जीव विभाग से इसकी अनुमति लूंगा, क्योंकि इसे रखने की अनुमति नहीं है।


WCCB के वॉलंटियर संदीप जैन ने इसे वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट,1972 का उल्लंघन करार दिया है। उनका कहना है कि मुझे अखबारों से पता चला कि सिद्धू पाक से एक  काला तीतर लेकर आए हैं। ये गैरकानूनी है कि किसी भी पक्षी या जानवर या उनके शरीर के अंग को बिना अनुमति रखा जाए। भारत में वाइल्ड लाइफ प्रोटैक्शन एक्ट, 1972 के तहत शिकार करना तो वर्जित है ही, उसका खाल, बाल, नाखून भी बिना मंजूरी के घर में रखना गैर कानूनी माना गया है।
 

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