करतारपुर कॉरिडोर : सिद्धू ने मोदी व इमरान खान को लिखा पत्र

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 12:13 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित स्थानों के पुरातन और विरासती स्वरूप को बहाल रखने के लिए पंजाब के स्थानीय निकाय, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखे हैं।
 

पत्रों में उनसे विनती की गई है कि श्री गुरु नानक देव जी के चरण स्पर्श प्राप्त करतारपुर साहिब, डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा साहिब और इनके आसपास के इलाकों की पवित्रता और पुरातन स्वरूप हू-ब-हू बहाल रखी जाए व इन स्थानों को ‘विरासती गांव’ का दर्जा दिया जाए। इसके साथ यह भी आग्रह किया गया है कि श्री करतारपुर साहिब कॉम्पलैक्स के असली स्वरूप को बरकरार रखा जाए और इसके लिए गुरुद्वारा साहिब के आसपास किसी भी तरह का नया निर्माण न होने दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने चिट्ठी में कुछ और मांगों का भी जिक्र किया है, जिससे श्रद्धालुओं को बाबा नानक की कृपा हासिल हो सके। इमरान खान को भेजी चिट्ठी में सिद्धू ने करतारपुर साहिब कॉम्पलैक्स के 104 एकड़ के घेरे के अंदर किसी भी किस्म के निर्माण न किए जाने की मांग की है।

करतारपुर कॉरिडोर मामले में नवजोत ने की यह गुजारिश

उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की जमीन पर फसलें बीजी जाएं जो गुरुद्वारा साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के लंगर के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं। श्री गुरु नानक देव जी द्वारा इस्तेमाल किए गए कुएं बारे भी मांग की गई है कि वहां पर श्रद्धालुओं खासकर बीमार, बुजुर्ग, बच्चों व दिव्यांग श्रद्धालुओं को अच्छी सहूलियतें देने की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि श्रद्धालुओं को दी जाने वाली नई सहूलियतों की वजह से गुरुद्वारा साहिब के वातावरण और आसपास पर कोई प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए।

सिद्धू ने मोदी और इमरान खान के पास डेरा बाबा नानक व करतारपुर साहिब कॉम्पलैक्स में कचरा प्रबंधन, खासकर प्लास्टिक के निपटारे और डिब्बाबंद खाने के पुख्ता प्रबंधों बारे भी मांग रखी है। उनका कहना है कि गुरुद्वारा साहिब के नजदीक लोकल बाजार लगाए जाएं और प्लास्टिक व डिब्बाबंद भोजन पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाए। किसी किस्म के शॉपिंग मॉल या अन्य निर्माण नहीं किया जाए बल्कि आसपास की जमीनों को ऑर्गैनिक खेती के लिए इस्तेमाल करके उसकी उपज को श्रद्धालुओं के लिए लंगर में इस्तेमाल किया जाए।

 

Vatika