वाजपेयी से मेरा आत्मिक रिश्ता, खान से है 35 वर्ष पुरानी दोस्ती : सिद्धू

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 09:21 AM (IST)

अमृतसर (महेन्द्र): एक तरफ जहां सारा देश राजनीति से ऊपर उठ कर पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त कर रहा है, वहीं पंजाब के स्थानीय निकाय एवं टूरिज्म व सभ्याचारक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू वाजपेयी के अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होने की बजाय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे अपने दोस्त इमरान खान की ताजपोशी में शामिल होने को तरजीह देते हुए पाकिस्तान जा पहुंचे हैं। 


वहां रवाना होने के लिए वह शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे वाघा सीमा क्रॉस करते हुए लाहौर की तरफ रवाना हुए, जहां से उन्होंने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के लिए रवाना होना था। इस मुद्दे पर पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी से उनका आत्मिक रिश्ता है और वह ही नहीं, बल्कि सारा देश उन्हें दिल से प्रेम करता है लेकिन इमरान खान से उनका पिछले 35 वर्षों से दोस्ताना संबंध है। 


‘दिल के साफ और जुबान के पक्के हैं खान’
पूर्व वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की बजाय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान की ताजपोशी में हिस्सा लेने के लिए तरजीह देने के फैसले को लेकर जब पत्रकारों द्वारा बार-बार इसका कारण पूछा गया, तो उनका कहना था कि उन्होंने वहां जाने के लिए पहले से वीजा अप्लाई कर दिया था और पाकिस्तान की एम्बैसी 15 दिनों का वीजा जारी भी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि वह इमरान खान को बहुत ही अच्छी तरह से जानते हैं। वह दिल के साफ हैं और जुबान के बहुत ही पक्के। इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि भारत-पाक दोनों देशों के बीच मधुर संबंध बनाने के लिए उनके प्रयास पूरी तरह से कारगर सिद्ध होंगे। वह इमरान खान को तोहफे के तौर पर पश्मीना शॉल भी भेंट करेंगे।

कपिल व गावस्कर पाक जाने से कर चुके  हैं इंकार 
अंतर्राष्ट्रीय पूर्व क्रिकेटर एवं भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर तथा कपिल देव दोनों ही भारत व पाक के बीच बिगड़ चुके संबंधों के कारण इमरान खान की ताजपोशी में हिस्सा लेने से साफ इंकार कर चुके हैं, जबकि सिद्धू वहां जाने के लिए अपना पूरा कार्यक्रम बनाए हुए थे। सिद्धू के इस फैसले को आम लोग उचित नहीं मान रहे हैं। उनका मानना है कि जब सारा देश एवं सभी राजनीतिक पार्टियां राजनीति से ऊपर उठ कर पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक मना रहे हैं तो सिद्धू को ऐसे मौके पर पाकिस्तान में अपने दोस्त इमरान खान की ताजपोशी में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था।

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