क्रिकेट वाले अंदाज में बादल और केजरीवाल के लिए बोले नवजोत सिंह सिद्धू

punjabkesari.in Friday, Nov 26, 2021 - 09:47 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्विनी): बेशक कांग्रेस हाईकमान अभी 2022 की मतदान में उम्मीदवार उतारने पर मंथन कर रही है परन्तु पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने उम्मीदवार का नाम लेकर वोटों मांगनी शुरू भी कर दीं हैं। मोगा के बाघा पुराना में गुरुवार को रैली के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने विधायक दर्शन सिंह बराड़ के हक में जनता को वोट पहनने का ऐलान किया।

सिद्धू ने मंच से दर्शन सिंह बराड़ को बापू सम्बोधन करते कहा कि बापू को जिताओगे क्योंकि बापू कहंदा है कि अभी मैं जवान हूं इसलिए पुत्र नहीं बल्कि वह खुद ही चयन लड़ेंगे। सिद्धू ने अपने जाने-पहचाने अंदाज में दर्शन सिंह बराड़ को क्रिकेट वाले अंदाज में छक्का मारने को भी कहा। सिद्धू ने जनता को कहा कि आप ऐसा छक्का लगाएं कि बादल और केजरीवाल बाउंडरी पार हो जाएं।

नशों की रिपोर्ट न खोली तो सिद्धू बैठेंगे मरन व्रत पर
रैली दौरान नवजोत सिद्धू ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि पंजाब सरकार ने नशों की रिपोर्ट नहीं खोली तो वह मरन व्रत पर बैठ जाएंगे। सिद्धू ने कहा कि अब तो सरकार आपकी है तो नशो की रिपोर्ट खोलने से कौन रोकता है, क्यों नहीं खुल रही रिपोर्ट। सिद्धू ने कहा कि वह सिर्फ पार्टी के प्रधान हैं और उनके पास प्रशासकी शक्ति नहीं है परन्तु फिर भी चन्नी कह कर गया है, सब कुछ पार्टी की हिदायत पर चलता है तो इस बात पर सिद्धू यह ऐलान करता है कि यदि रिपोर्ट नहीं खुली तो सिद्धू अपनी देह दाव पर लगा देंगे।

किसानों की जीत अधूरी, क्योंकि कम से कम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं है
सिद्धू ने कहा कि आज पंजाब पर 7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। आत्महत्याएं हो रही हैं। सरकार के वायदे खजाना खाली होने के कारण पूरे नहीं हो रहे परन्तु वह बदलाव लाएंगे। सिद्धू ने कहा कि वह पंजाब के खजाने में 30-35 करोड़ रुपए लाएंगे, जिसमें रेत कारोबार से 2 हजार करोड़, शराब कारोबार से 20 हजार करोड़ तक आऐंगे। सिद्धू ने कहा कि किसानों की जीत अभी अधूरी है, क्योंकि अभी तक कम से कम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं है। यह गारंटी नहीं तो पंजाब नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरिन्दर सिंह पर साधा निशाना, कहा-केबल पर एकाधिकार खत्म नहीं होने दिया
नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरिन्दर सिंह पर हमला बोला। गुरुवार को उन्होंने टवीट कर कर लिखा कि केबल एकाधिकार खत्म करन के लिए उन्होंने 2017 में मंत्री रहते कानून प्रस्तावित किया था परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कानून को रोक दिया। इस कानून के साथ केबल एकाधिकार खत्म हो जाता। प्रति कनैक्शन से राज्य के लिए राजस्व प्राप्त होता और लोगों के लिए टी.वी. केबल की कीमतें आधी हो जातीं। सिद्धू ने कहा कि सरकार के साथ केबल का जो संख्या सांझा किया गया है, उसकी तुलना एक ही कंपनी के पास 3-4 गुणा टी.वी. कनैक्शन हैं। बादल ने एकाधिकार के लिए रखा लिए कानून बनाए।

सिद्धू ने लिखा कि उन्होंने 5 साल पहले मल्टी व्यवस्था ऑपरेटर-फास्टवे के एकाधिकार से छुटकारा पाने के लिए, हजारों करोड़ टैक्सों की वसूली के लिए, स्थानीय ऑपरेटरों को सशक्त बनाने और लोगों को सस्ती केबल देने की नीति सामने रखी थी। फास्टवे खिलाफ जरूरी कार्यवाही के बिना केबल संकट को लेकर हल का सुझाव देना गलत है।

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News Editor

Urmila