अमरनाथ यात्रा पर हमले के अंदेशे से दहशत, 19 सालों में मारे जा चुके 62 श्रद्धालु

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2019 - 12:24 PM (IST)

जालंधर। (सूरज ठाकुर) खुफिया एजेंसियों एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में एक जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले का अंदेशा जताया है। खुफिया एजेंसियों की मीडिया में रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद घाटी में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी बालटाल रूट पर जैश-ए-मोहममद के आतंकी हमला कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि आतंकी गांदरबल और कंगन की पहाड़ियों में छिपे हुए हैं। आतंकी हमले के इस तरह के इनपुट 2017 में खुफिया एजेसियों ने दिए थे। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि यात्रियों पर हमला हो सकता है। इस रिपोर्ट में 100 से ज्यादा यात्रियों को निशाना बनाने का जिक्र किया गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार यही कहती रही थी कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इस हमले में 6 महिलाओं सहित 7 लोगों की जान चली गई थी। गौरतलब है कि 2000 से लेकर अब तक अमरनाथ यात्रा के दौरान 7 बड़े हमले हुए हैं, जिनमें 62 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

2000 से 2006 में मारे गए थे 55 श्रद्धालु
अमरनाथ यात्रियों पर पहली बार सबसे बड़ा हमला 2000 में हुआ था। पहलगाम बेस कैंप को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था। हमले में 30 श्रद्धालु मारे गए थे और 60 से ज्यादा घायल हुए। साल 2001 में भी एक कैंप पर आतंकियों ने दो हैंडग्रेनेड फेंके थे और इस हमले में 12 लोग मारे गए थे और 15 घायल हुए थे। जुलाई 2002 में आतंकियों ने जम्मू के पास यात्रियों पर हैंडग्रेनेड फेंका और फिर अंधाधुंध फायरिंग की, इस हमले में दो यात्री मारे गए और दो घायल हुए। इसके एक माह बाद ही 06 अगस्त 2002 को जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया। हमले में 10 से ज्यादा लोग मारे गए और 30 अन्य लोग घायल हुए थे। 2006 में आतंकियों ने एक बार फिर अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया जिसमें 1 श्रद्धालु की मौत हो गई थी।

2017 में हुआ था आखिरी बार आतंकी हमला
अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर आखिरी हमला बीजेपी और पीडीपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के दौरान 10 जुलाई 2017 को हुआ था। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में इस हमले में 7 की श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। जबकि 32 अन्य घायल हो गए थे। मरने वालों में 6 महिलाएं शामिल थी। हमला रात करीब 8:20 बजे हुआ था। मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात के रहने वाले थे। हमले के दौरान दो हमलावर बाइक पर आए थे। आतंकवादियों ने पहले पुलिस की बख्तरबंद गाड़ी पर हमला किया था। जब पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की तो आतंकवादी अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए फरार हो गए थे। बाद में यह आतंकी एक मुठभेड़ में मारे गए थे। 

अमित शाह अमरनाथ दे चुके हैं ये निर्देश 
यहां उल्लेखनीय यह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरा कर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले चुके हैं। इस दौरान एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान शाह ने सभी एजेंसियों से आतंकियों और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रवैया बरकरार रखने को कहा। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को अमरनाथ यात्रियों पर किसी तरह के आतंकी हमले या खतरे को टालने के लिए सभी संवेदनशील और घुसपैठ के संभावित पॉइंट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए हैं। 

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1 लाख जवान तैनात
1 जुलाई से शुरू अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलने वाली यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए राज्य में कड़े सुरक्षा प्रबंधों का दावा किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर 1 लाख जवानों को तैनात किया गया है। अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल ट्रैक पर कड़ी नजर रखी जा रही है।  यह वही ट्रैक है जहां की आसपास की पहाड़ियों पर आतंकियों के छिपे होने का अंदेशा जताया जा रहा है। तीर्थयात्री अमरनाथ जाने के लिए मुख्य रूप से इन्हीं दो मार्गों का इस्तेमाल करते हैं। 


 

Suraj Thakur