जहरीली शराब त्रासदी: 3 दिन में उखड़ गई 86 लोगों की सांसे, उजड़े कई परिवार, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Sunday, Aug 02, 2020 - 04:17 PM (IST)

पंजाब: पंजाब में नकली जहरीली शराब पीने से अब तक 86 लोगों की मौत के बाद ये मामला पंजाब की सियासत में भी तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इसी को देखते हुए मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक की निगरानी में चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया है। मामले की छानबीन करते हुए पुलिस ने 17 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। पंजाब में अभी तक जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या है। हालांकि आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। इस जहरीली त्रासदी की आग की आंच अब केंद्र सरकार तक भी पहुंच रही है। 

पंजाब सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान 
जहरीली शराब त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार ने इससे मरने वाले लोगों के परिवारों को पहले 1-1 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया था, हालांकि बाद में 
कैप्टन सरकार ने ये रकम 2 लाख कर दी है। 

कैप्टन ने सख्त जांच के दिए निर्देश
इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पुलिस को सख्त निर्देश दिया है कि वह प्रदेश में चल रही किसी भी प्रकार की शराब बनाने वाली इकाइयों पर नकेल कसने के लिए तलाशी अभियान शुरू करे। 

2 डीएसपी, 4 एसएचओ, 7 आबकारी कर्मी भी किए सस्पेंड
घटना के तीसरे दिन सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी (जंडियाला देहाती) मनजीत सिंह व डीएसपी (सबडिवीजन तरनतारन गोइंदवाल) कंवलप्रीत सिंह मंड समेत थाना तरसिक्का, थाना सदर तरनतारन, थाना सिटी तरनतारन समेत थाना सिटी बटाला के एसएचओ को निलंबित कर दिया। सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, गुरदासपुर से ईटीओ लवजिंदर बराड़, अमृतसर से ईटीओ बीएस चाहल और तरनतारन से ईटीओ मधुर भाटिया समेत गुरदासपुर से सब इंस्पेक्टर रवि कुमार, अमृतसर से गुरदीप सिंह और फतेहबाद से पुखराज और तरनतारन जिले में तरनतारन सिटी से हितेश प्रभाकर को भी निलंबित किया गया। इसी के साथ राज्य में पंजाब पुलिस ने शनिवार को प्रभावित तीन पुलिस जिलों अमृतसर देहाती, गुरदासपुर और तरनतारन में 100 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी करते हुए 17 और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। 

केजरीवाल ने की सीबीआई जांच की मांग 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है। केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि ‘पंजाब में अवैध शराब पीने के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं। राज्य सरकार को ऐसे माफिया पर लगाम लगाने के लिए फौरन कदम उठाने की आवश्यकता है। यह मामला फौरन सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए क्योंकि स्थानीय पुलिस ने पिछले कुछ महीनों से अवैध शराब का कोई भी मामला हल नहीं किया है।' 

कभी सोचा न था वह अपनी जिंदगी में ये आखिरी बार करेगा सेवन
जानकारी के अनुसार अमृतसर जिले में अवैध शराब का धंधा काफी जोरों पर चल रहा है, जिसको रोकने के लिए पुलिस असफल साबित हो रही है। इसके साथ ही इस काले कारोबार के धंधेबाजों का नैटवर्क गुरदासपुर और अमृतसर तक जुड़ा हुआ होने के कारण इसकी निरंतर सप्लाई जारी रहती है। गुरुवार शाम को गरीब परिवारों से संबंधित व्यक्तियों की तरफ से जब सस्ती शराब पीने के लिए पंडोरी गोला, नौरंगाबाद, मोहल्ला जस्से वाला आदि गांवों का रास्ता पकड़ा तो उनको यह नहीं पता था कि वह अपनी जिंदगी में नशे का आखिरी बार सेवन लेने जा रहे हैं। इस देसी शराब को किसी जहरीले केमिकल के साथ तैयार करने वाले अपनी मोटी कमाई के चक्कर में दो दर्जन व्यक्तियों की जान का कारण बन गए। शराब पीने दौरान ज्यादातर व्यक्तियों की आंखों के आगे अंधेरा आ गया और वह बीमार होना शुरू हो गए, जिनको गुरु नानक देव मल्टी स्पैशलटी अस्पताल, सरकारी अस्पताल के अलावा ओर निजी अस्पतालों में परिवारों द्वारा दाखिल करवाया गया। जहां उनकी मौत हो गई, जबकि कई सोए पड़े ही रह गए।


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Edited By

Tania pathak

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