पंजाब के सामर्थ्य को देखते खनन क्षेत्र राज्य की आर्थिकता को बड़ा प्रोत्साहन दे सकता है: सिद्धू
punjabkesari.in Friday, Apr 13, 2018 - 09:07 AM (IST)
चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब में व्यापक और असरदार खनन नीति लागू होने से राज्य की आर्थिकता को बड़ा प्रोत्साहन मिल सकता है। साथ ही लोगों को वाजिब कीमतों पर रेत मिल सकती है। यह बात खनन संबंधी बनी कैबिनेट सब-कमेटी प्रमुख एवं स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने यहां जारी प्रैस बयान में कही।
उन्होंने कहा कि पंजाब की कमजोरी बना खनन सबसे मजबूत पहलू बन सकता है। तेलंगाना ने काबिलियत, मुस्तैदी और असरदार नीति के साथ रेत की खदानों को सोने की खदान बना लिया है। उन्होंने कहा कि दौरे का पंजाब की प्रस्तावित खनन नीति को फायदा होगा। तेलंगाना के खनन विभाग और कार्पोरेशन के अधिकारियों ने पावर प्वाइंट पेशकारी के जरिए खदानों के माडल संबंधी जानकारी दी। उन्होंने खनन नीति लागू करने के ढंग और सभी पहलुओं से भी अवगत करवाया।
सिद्धू ने बताया कि तेलंगाना की खनन नीति कितनी असरदार और सफल है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के पहले 11 दिन में ही खनन से 40.71 करोड़ कमा लिए। पंजाब में पिछली सरकार दौरान एक वर्ष में 40 करोड़ कमाए गए जबकि पंजाब में दरियाओं की अधिक संख्या को देख खनन की अधिक सामथ्र्य है। इसके अलावा तेलंगाना में रेत की कीमतें कंट्रोल में हैं।
उन्होंने बताया कि 2014-15 में खनन से तेलंगाना सरकार 10.5 करोड़ कमाती थी। उस समय सरकार की तरफ से बनाई कारगर नीति स्वरूप कमाई 2015-16 में बढ़कर 368.33 करोड़, 2016-17 में 456.45 करोड़ और 2017-18 में 678.35 करोड़ तक पहुंच गई।
सिद्धू के नेतृत्व अधीन कमेटी के अधिकारी जो 3 दिवसीय तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के दौरे पर हैं, ने दोनों राज्यों के अधिकारियों से विस्तार में चर्चा की। पंजाब सरकार के प्रतिनिधिमंडल में सिद्धू के साथ प्रमुख सचिव खनन जसपाल सिंह, सचिव-कम-डायरैक्टर खनन कुमार राहुल, चीफइंजीनियर विनोद चौधरी और मंत्री के सलाहकार अंगद सिंह सोही शामिल हैं।
दूसरी मीटिंग में पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने आंध्र प्रदेश के अधिकारियों से मीटिंग की जिसमें खनन के ज्वाइंट डायरैक्टर वी.बी. चंद्रशेखरा और कन्सल्टैंट मनोज गुरामकुंडा ने पेशकारी दी।
मीटिंगों के बाद पंजाब से आए प्रतिनिधिमंडल का खनन वाले स्थानों का दौरा भी करवाया गया।