विदेशी नागरिकों को जेल में बंद करने में पंजाब 5वें स्थान पर, पश्चिम बंगाल अव्वल

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 10:43 AM (IST)

लुधियाना (गौतम): दिसम्बर, 2019 तक अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों के चलते पकड़े गए 5608 विदेशी नागरिकों में से केवल 38.71 प्रतिशत को ही सजा हुई, जबकि करीब 53 प्रतिशत अभी अंडर ट्रायल हैं। करीब 8 प्रतिशत लोग अन्य कारणों से व एक प्रतिशत से भी कम लोग हार्ड क्राइम के लिए सजा काट रहे हैं।

विदेशी नागरिकों को जेलों में बंद करने में पजाब 5वें स्थान पर है। पंजाब की जेलों में बंद 209 विदेशियों में से 40 सजायाफ्ता हैं जबकि विदेशी नागरिकों को जेल में बंद करने में वैस्ट बंगाल सबसे पहले (2316), दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र (517), तीसरे पर उत्तर प्रदेश (505), चौथे पर दिल्ली (487), पड़ोसी राज्य हिमाचल 6वें (154), जम्मू एंड कश्मीर 13वें (87), हरियाणा 21वें (47) स्थान पर हैं। हैरानीजनक है कि विदेशी नजरबंद कैदियों में एक महिला सहित 40 लोग हैं जिनमें अकेले जम्मू-कश्मीर में 31, दिल्ली में 7 व 2 अन्य जेलों में हैं।

पिछले 3 साल से बढ़ा आकंड़ा
नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर, 2019 के अंत तक अलग-अलग राज्यों की जेलों में 5608 विदेशी लोग बंद हैं जिनमें 4776 पुरुष व 832 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 2171 सजायाफ्ता व 2979 लोग अंडरट्रायल हैं और हार्ड क्राइम के लिए 40 लोगों को नजरबंद किया हुआ है। 418 लोग अलग-अलग कारणों से जेलों में बंद हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में कुल 4917 विदेशियों में 2250 अंडर ट्रायल, सजायाफ्ता 2227, नजरबंद 40 व दूसरे कारणों से 400 लोग बंद थे, 2018 में कुल 5168 विदेशियों में 2611 अंडर ट्रायल, सजायाफ्ता 2108, नजरबंद 43 व दूसरे कारणों से 406 लोग बंद थे, जबकि साल 2016 में कुल 6370 में से 3258 अंडरट्रायल, 2366 सजायाफ्ता, 43 नजरबंद व 703 दूसरे कारणों से जेलों में बंद थे।

304 महिलाओं सहित 2171 विदेशी लोग भुगत रहे हैं सजा, 904 युवा लोग
आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर, 2019 के अंत तक इनमें 2171 विदेशी लोगों को अलग-अलग अपराधों में दोषी पाए जाने पर विभिन्न अदालतों की तरफ से सजा सुनाई जा चुकी है जिनमें 1867 पुरुष व 304 महिलाएं शामिल हैं। सजायाफ्ता कैदियों में अन्य जेलों के अलावा वैस्ट बंगाल की जेलों में सबसे ज्यादा 1379, उत्तर प्रदेश में 142 व दिल्ली में 96, हिमाचल में 55, हरियाणा में 12, जम्मू-कश्मीर में 11, असम में 66 लोग सजा काट रहे हैं। सजायाफ्ता 304 महिला कैदियों में से 186 महिलाएं बंगाल, 53 उत्तर प्रदेश, 35 असम व अन्य दूसरी जेलों में बंद हैं। जेलों में सजा काटने वालों में बंगलादेश के 1470, नेपाल के 228, म्यांमार के 155, अफ्रीका व नाइजीरिया के 146, पाकिस्तान के 94 नागरिक, श्रीलंका के 19, चीन के 6 व अन्य देशों के लोग शामिल हैं। जेलों में बंद कैदियों में 18 से 30 साल तक के 904 ( 41.6 प्रतिशत), 30 से 50 साल तक के 978 (45 प्रतिशत) व 50 से अधिक के 289 ( 13.3 प्रतिशत) कैदी शामिल हैं।

अंडर ट्रायल विदेशियों में 1321 युवा 
अंडर ट्रायल 2979 विदेशियों में 2534 पुरुष व 445 महिलाएं शामिल हैं। इनमें वैस्ट बंगाल की जेलों में 576, महाराष्ट्र में 466, दिल्ली में 384, उत्तर प्रदेश में 363, कर्नाटक में 137 व पंजाब में 116 विदेशी शामिल हैं। अन्य अडंर ट्रायल दूसरी जेलों में बंद हैं। अंडर ट्रायल विदेशियों में बंगलादेश के 1043, नाइजीरिया के 686, नेपाल के 517, पाकिस्तान के 109, श्रीलंका के 46, आस्ट्रेलिया के 4, कनाडा का एक व अन्य देशों के लोग शामिल हैं। अंडर ट्रायल विदेशियों में 18 से 30 साल के 1321 लोग, 30 से 50 साल के 1454 व 50 से अधिक के 203 लोग शामिल हैं। 445 महिलाओं में से वैस्ट बंगाल में 105, महाराष्ट्र में 104 व उत्तर प्रदेश में 78 व अन्य दूसरी जेलों में बंद हैं। नजरबंद कैदियों में 18 से 30 साल के 12, 30 से 50 साल के 26 व 50 साल से ऊपर के 2 विदेशी हैं।

Tania pathak