2019 को लेकर जोड़-तोड़,यूपी में बना गठबंधन तो 2 सीटें नहीं जीत पाएगी बीजेपी: राज बब्बर

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 09:08 AM (IST)

जालंधर (धवन): फिल्म अभिनय से राजनीति में आए राज बब्बर के पास इस समय देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। राज बब्बर तथा कांग्रेस दोनों के लिए ही उत्तर प्रदेश 2019 के लोकसभा के आम चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण है। अध्यक्ष बनने के बाद राज बब्बर ने उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों के दौरे पूरे कर लिए हैं तथा वह कांग्रेस की नई पीढ़ी को आगे लेकर आ रहे हैं और यह झलक पैदा की जा रही है कि वह भी सत्ता में आ सकते हैं। देश व उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर आज राज बब्बर से खुल कर बातचीत हुई। 

 

प्र. : 2019 में लोकसभा के आम चुनावों को लेकर अब मात्र एक वर्ष का समय शेष रह गया है। आप क्या समझते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार की हालत कैसी रहेगी?

उ. : 2014 के बाद से ही केंद्र की मोदी सरकार ने विपक्षी नेताओं विशेष रूप से कांग्रेस को निशाना बनाने की कोशिशें कीं क्योंकि मोदी सरकार को पता था कि प्रत्येक गली-मोहल्ले में कांग्रेस कार्यकत्र्ता निवास करता है। लोकसभा के अगले आम चुनावों में मोदी सरकार का दोबारा सत्ता में आना असंभव है। वह अभी यह तो नहीं कह सकते हैं कि किस पार्टी को अगले चुनाव में कितनी सीटें मिलेंगी परंतु इतना तय है कि लोगों का मोह भंग हो चुका है तथा वह बदलाव चाहते हैं। 

प्र. : भाजपा ने 2014 के बाद लगातार राज्यों के चुनावों को जीता। क्या अब वह दोबारा सत्ता में आने में सक्षम नहीं होंगे?

उ. : चाहे भाजपा ने राज्य विधान सभाओं पर कब्जा किया क्योंकि राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी ज्यादातर संबंधित राज्य सरकारों के दबाव में रहते हैं परंतु लोकसभा के उपचुनावों में भाजपा को ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुई क्योंकि लोकसभा हलका काफी लम्बा होता है तथा अधिकारियों के लिए लोकसभा हलके में आते 9 या 10 विधान सभाओं को मैनेज करना आसान नहीं है। 

प्र. : उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न लोकसभा सीटों के उपचुनावों में समाजवादी पार्टी व बसपा ने मिल कर जीत हासिल 
की। अब यू.पी. की परिस्थितियां कैसी हैं?

उ. : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व बसपा ने भाजपा को उसके गढ़ में पराजित किया है। यह कहना बिल्कुल गलत है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों की वोटों के कारण सपा व बसपा को जीत मिली है बल्कि सच्चाई तो यह है कि हिन्दुओं, मुस्लिम, ईसाइयों व अन्य समुदायों ने मिल कर भाजपा को शिकस्त दी। भाजपा को पराजित करने में हिन्दुओं ने भी अहम भूमिका अदा की।

प्र. : क्या आप समझते हैं कि 2019 में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा के साथ मिल कर एक मोर्चा बनाना चाहिए?

उ.: इस मुद्दे को लेकर अभी काफी विरोधाभास की स्थिति पाई जा रही है तथा अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं परंतु अगर जनता के विचारों की बात की जाए तो साफ है कि वह चाहती है कि कांग्रेस को सपा व बसपा के साथ मिल कर एक सांझा मोर्चा भाजपा के विरुद्ध बनाना होगा। इससे भाजपा को करारी सियासी चोट पहुंचाई जा सकती है।

प्र.: कांग्रेस को सपा व बसपा के साथ मिलाने का फैसला कब तक होगा?

उ.: यह फैसला तो कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लिया जाना है परंतु ऐसे फैसले अक्सर चुनावों के निकट ही होते हैं। 

प्र. : उत्तर प्रदेश में अगर कांग्रेस तथा सपा व बसपा आपस में मिल कर मोर्चा बनाते हैं 
तो वह कितनी लोकसभा की सीटें 
2019 में जीत पाएंगे?

उ.: मेरा व्यक्तिगत अनुमान है कि अगर कांग्रेस तथा सपा व बसपा मिल कर चुनाव लड़ें तो भाजपा उत्तर प्रदेश में 2 सीटें भी जीत नहीं पाएगी। भाजपा का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा। 

प्र.: गोरखपुर तथा फूलपुर की लोकसभा सीटों को जीतने के बाद अब उत्तर प्रदेश में सियासी हालात कैसे हैं?

उ. : गोरखपुर व फूलपुर में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को उनके गढ़ों में धूल चटाने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी भी भयभीत हैं। उनमें भी खौफ की भावना देखी जा रही है। वह भी 2019 के लोकसभा के आम चुनावों को लेकर ङ्क्षचतित हो गए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि अगर विपक्ष इक_ा हो गया तो भाजपा का यू.पी. में सफाया करने से कोई नहीं रोक सकता। 

प्र. : केंद्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए क्या पूरे देश में विपक्ष को एक प्लेटफार्म पर लाने की जरूरत आप महसूस नहीं करते?

उ. : यह सही है कि भाजपा को केंद्र में सत्ता में आने से रोकने के लिए समूचे विपक्ष को कांग्रेस के नेतृत्व में एक प्लेटफार्म पर इक_ा होना चाहिए। भाजपा भी कांग्रेस की तरफ पैनी निगाहों से देख रही है। 

प्र.: मोदी व अमित शाह भी केंद्र में बने रहने के लिए जोड़-तोड़ अवश्य करेंगे। अभी उनके पास एक वर्ष का समय बाकी है?

उ.: यह सही है कि मोदी सरकार को पता है कि जनता उनसे नाराज है तथा मौजूदा समय में चुनाव होने से वह सत्ता में आ नहीं सकते हैं इसलिए मोदी सरकार द्वारा जोड़-तोड़ करके या तो अयोध्या में श्री राम मंदिर के मुद्दे को लेकर राजनीति खेली जाएगी या फिर देश में जंग का खौफ पैदा किया जाएगा। वोटों के धु्रवीकरण या जंग से ही मोदी स्वयं को बचाने की चेष्ठा करेंगे।

प्र.: राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद देश में पार्टी की हालत कैसी है?

उ.: राहुल गांधी नौजवान हैं तथा वह देश में पार्टी को ऊपर ले जाने में सक्षम हैं। राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद से नौजवानों के अंदर उम्मीद की किरण जागी है। राहुल गांधी का विजन देश को आॢथक विकास व समृद्धि की तरफ ले जाना है। 

प्र. : आप पूर्व यू.पी.ए. सरकार व मौजूदा राजग सरकार के बीच कैसा अंतर महसूस करते हैं?

उ.: अब तो जनता ने स्वयं ही कहना शुरू कर दिया है कि देश में शासन व सरकार केवल कांग्रेस ही सही ढंग से चलाने में सक्षम है। जब जनता के ऐसे विचार बन जाएं तो केंद्र में सत्ता परिवर्तन अवश्य हो जाता है। जनता के अंदर मोदी सरकार को लेकर गुस्सा है। पहले मोदी सरकार ने नोटबंदी लागू की तथा फिर जी.एस.टी. को लागू किया। इससे आॢथक विकास की दर में ब्रेकें लग गईं। 


प्र. : आप 4 वर्षों की मोदी सरकार की कारगुजारी को कैसे आंकते हैं?

 

उ. : मोदी सरकार के अधिकांश मंत्री भी खुश नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अफसरशाही के जरिए शिकंजा कसने की कोशिशें कीं। मोदी व अमित शाह के कारण भाजपा के नेताओं में भी दबाव देखने को मिल रहा है। पिछले 4 वर्षों में देश में खौफ व डराने-धमकाने व डंडे की राजनीति मोदी सरकार ने चलाई जिस कारण लोगों में भारी गुस्सा है तथा वह बदलाव चाहते हैं।

प्र. : राहुल गांधी क्या अब प्रधानमंत्री बनने में सक्षम हैं?

उ. : राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के पूरे गुण मौजूद हैं। गांधी परिवार की बात की जाए तो पं. जवाहर लाल नेहरू ने आजादी दिलवाने में अहम भूमिका अदा की उनके बाद इंदिरा गांधी ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी फिर राजीव गांधी ने देश की खातिर अपनी शहादत दी। क्या भाजपा के नेताओं में से किसी ने भी देश की खातिर कोई कुर्बानी दी है। राहुल व सोनिया मिल कर धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एक करेंगे तथा केंद्र में पुन: 2019 में यू.पी.ए. की सरकार बनेगी। 
 

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