शीला दीक्षित का कपूरथला से रहा है गहरा नाता

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2019 - 10:41 PM (IST)

कपूरथला(बिपिन महाजन): कांग्रेस की एक सफल नेताओं में गिनी जाने वाली शीला दीक्षिता जिनका आज निधन हो गया है का देश के पंजाब प्रदेश से भी गहरा नाता रहा है। शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में सन 1938 में हुआ और इस पुराने ही घर में शीला का बचपन गुजरा। अपने पारिवारिक संस्कारों को ग्रहण करते हुए शीला ने कपूरथला के ही हिंदू पुत्री पाठशाला स्कूल में जहां पर उनकी नानी ने अध्यापक से लेकर प्रिंसीपल, स्कूल प्रबंधक और स्कूल के ट्रस्टी के रुप में कई साल तक काम किया में अपनी नौंवी कक्षा की शिक्षा ग्रहण की और यही से अपने जीवन की सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरु किया। 

हिंदू पुत्री पाठशाला की नौंवी कक्षा की इस छात्रा ने तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद भी न तो अपने स्कूल को भूली और न ही अपने पुश्तैनी घर को जहां पर उनके मामा जी लम्बे समय तक अपने परिवार के साथ रहते रहे। पिछले साल उनके मामा की मौत हो गई । मुख्यमंत्री रहते हुए भी शीला दीक्षित वर्ष में एक बार अवश्य अपने पुश्तैनी घर में अपने मामा से मिलने आती रही । शीला दीक्षित ने अपने बचपन के स्कूल हिंदू पुत्री पाठशाला का साल 2004 में दौरा किया। 



बता दें कि शीला दीक्षित बचपन से ही एक असाधारण प्रतिभा की धनी थी तथा जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे शीला दीक्षित में शालीनता बढ़ती गई। उनकी सियासी पारी उनकी शादी के बाद शुरु हुई। शीला के पति विनोद दीक्षित देश के सफल आई.ए.एस अफसर थे और उनके ससुर कांग्रेस पार्टी के एक सफल नेता थे जिन्होंने देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शासन के दौरान अलग-अलग पदों पर कार्य किया। इसी परिवार से शीला दीक्षित को जहां पर ससुर की ओर से सियासी विरासत मिली तो पति विनोद से एक कुशल प्रशासक की शिक्षा मिली जिसे शीला दीक्षित ने अपने मुख्यमंत्री काल में बाखूबी प्रयोग किया।

शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। वह 81 साल की थी। शीला दीक्षित पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी और उन्हें शुक्रवार की सुबह सीने में जकडऩ की शिकायत के बाद फोर्टिस-एस्कॉट्र्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां दोपहर बाद तीन बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। 



शीला दीक्षित 1998 से 2013 के बीच 15 वर्षो तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को फिर से खड़ा करने के मकसद से उन्हें कुछ महीने पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक रविवार को दोपहर 2:30 बजे निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और दूसरे दलों के नेताओं के भी मौजूद होने की उम्मीद है। उनका पार्थिव शरीर शनिवार शाम छह बजे से निजामुद्दीन स्थित उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। 

 

Vaneet