जानें क्या है IVF, जिसके जरिए सिद्धू मूसेवाला की मां ने दिया 58 वर्ष की उम्र में बेटे को जन्म

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2024 - 09:20 PM (IST)

पंजाब डेस्क : पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां ने बेटे को जन्म दिया है। माता चरण कौर 58 वर्ष की उम्र में आई.वी.एफ. के जरिए मां बनी हैं। बेटे की मौत के बाद अकेले पड़ चुके माता-पिता ने नए मेहमान का स्वागत करने का फैसला किया और 58 वर्ष की उम्र में Natural तरीके से बच्चा कंसीव करने में मुश्किलों के चलते उन्होंने आई.वी.एफ. का सहारा लिया। 

आई.वी.एफ. यानि विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक एक ऐसी प्रक्रिया जिसकी मदद से लाखों-करोड़ों कपल्स पैरेंट्स बनने का सपना पूरा कर चुके हैं। यह उन लोगों के लिए वरदान है जो बच्चा तो चाहते हैं पर Natural तरीके से कंसीव नहीं कर पाते हैं। आई.वी.एफ. को सिंपल भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं।  पिछले कुछ समय में तकनीक काफी आम हो गई है। इस प्रोसेस के दौरान महिला की ओवरी से अंडे को बाहर निकालकर लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज करवाया जाता है। बाद में इसे फर्टिलाइस्ड एग को फिर से महिला के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है। 

वहीं उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिला के अंडों की संख्या और गुणवत्ता दोनों में ही कमी आने लगती है। इसी वजह से प्रेग्नेंसी में जटिलताओं का भी खतरा रहता है। अधिक उम्र में आई.वी.एफ. तकनीक से प्रेग्नेंट होने से पहले ये चेक किया जाता है कि मां बनने की चाह रखने वाली महिला को कोई बीमारी तो नहीं है। इसके साथ ही अधिक उम्र में आई.वी.एफ. के सफल होने की संभावना कम हो जाती है। वहीं महिलाओं को 45-50 की उम्र में मेनोपॉज (पीरियड्स साइकिल बंद होना) हो जाता है। कई महिलाओं के मन में सवाल आता है कि क्या इसके बाद प्रेग्नेंसी संभव है। इसके बाद भी आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इसके लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे गर्भाशय फिर से एक्टिव हो जाता है। शारीरिक तौर पर फिट महिलाएं 50 साल की उम्र के बाद भी महिलाएं आई.वी.एफ. करवाती हैं और कई सफल भी होती हैं। 

असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक, भारत में 21 से 50 साल की महिलाएं आईवीएफ करवा सकती हैं। पुरुषों के लिए इसकी आयु सीमा 21 से 55 वर्ष है। इससे अधिक उम्र वालों के लिए यह कानूनन अपराध है। 2022 में पारित कानून के तहत कड़ी सजा हो सकती है, लेकिन अगर कोई महिला विदेश में गर्भवती है तो उसकी डिलीवरी देश में हो सकती है। ऐसे में जो महिलाएं बच्चे पैदा करना चाहती हैं वे विदेश जाने का रास्ता अपना रही हैं। 

वहीं भारत में अगर 50 साल से अधिक उम्र की कोई महिला आईवीएफ के जरिए बच्चा चाहती है तो उसे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। हर कोई इस कानूनी झंझट से बचना चाहता है। गौरतलब है कि इस कानून का उल्लंघन करने पर 5 से 20 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा 3 से 8 साल की सजा भी हो सकती है।

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News Editor

Kalash