सितारे नहीं अनुकूल,कश्मीर में हालात सुधरने के आसार नहीं

punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2017 - 05:36 PM (IST)

जालंधर  (धवन): जम्मू-कश्मीर की सीमा पाकिस्तान तथा चीन जैसे देशों से घिरी हुई है। 1947 के बाद से ही कश्मीर किसी न किसी तरीके से हिंसक घटनाओं का शिकार रहा है। जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत व पाकिस्तान में युद्ध भी लड़े जा चुके हैं। अभी भी आकाश के सितारे जम्मू-कश्मीर के अनुकूल दिखाई नहीं देते हैं। ज्योतिषी संजय चौधरी ने बताया कि स्व. महाराजा हरि सिंह का भारत सरकार के साथ कश्मीर को लेकर समझौता 27 अक्तूबर 1947 को हुआ था।

 

उन्होंने कहा कि उस समय मकर लग्र का उदय हुआ था तथा उसका स्वामी शनि नीच अवस्था में मंगल के साथ सातवें घर में बैठा हुआ था। शनि मंगल की आपसी युती के कारण ही कश्मीर में कभी भी शांति का माहौल नहीं रहा। 

 

उन्होंने कहा कि नौवें घर का स्वामी 10वें घर नीच सूर्य के साथ है तथा उस पर मंगल की दृष्टि है। ग्रहों की उपस्थिति कश्मीर में हमेशा युद्ध जैसे हालात बनाए रखने का संकेत करती है। केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार तथा जम्मू-कश्मीर में पी.डी.पी.व भाजपा की सरकार भी कश्मीर समस्या का समाधान निकालने में सफल नहीं हो सकी है।

 

उन्होंने कहा कि इस समय चंद्रमा महादशा में शुक्र की अंतर्दशा अप्रैल 2016 से चल रही है जो दिसम्बर 2017 तक जारी रहेगी। दोनों ग्रह एक-दूसरे से 8वें व छठे स्थान पर बैठे हुए हैं जोकि कश्मीरियों के लिए कठिन समय को दर्शाते हैं। शुक्र अंतर्दशा में शनि की प्रयतंत्र दशा चल रही है जोकि अगस्त 2017 तक रहनी है। यह समय और भी कठिन रहेगा। इस समय के दौरान सीमावर्ती राज्य के सामनेकई प्रकार की मुश्किलें पैदा होंगी।

 

श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान भी कट्टरपंथियों द्वारा विघ्न डालने की भरसक कोशिशें की जाएंगी। 12 सितम्बर 2017 को गोचर में बृहस्पति 10वें घर में आएगा जो कि क्षेत्र को कुछ राहत दे सकता है। जून 2018 से मंगल की महादशा शुरू हो जाएगी जोकि नीच अवस्था में बैठा हुआ है तथा उसकी युती शनि के साथ 7वें घर में होने के कारण कश्मीर में समस्याएं बद से बदत्तर अवस्था में पहुंच जाएगी जिसका इस समय अंदाजा लगाना बहुत कठिन है। 


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