देश में तंबाकू पीने वाले घटे, खाने वालों में मौत का डर नहीं

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 12:51 PM (IST)

जालंधर(विशेष): हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से आई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में तंबाकू पीने वालों की संख्या सन् 2000 के मुकाबले काफी कम हुई है। सन् 2005 की रिपोर्ट के अनुसार सन् 2000 के मुकाबले यह संख्या 19.4 प्रतिशत से कम होकर 11.5 प्रतिशत दर्ज की गई है जबकि 2020 तक इसके और कम होकर 9.8 प्रतिशत और 2025 में 8.5 प्रतिशत पर आ जाने की उम्मीद प्रकट की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक हाई इन्कम वाले देशों के मुकाबले कम और मध्यम आय वाले देशों में तंबाकू का प्रचलन कम हुआ है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जी.ए.टी.एस.) में यह बात सामने आई है कि भारत में बड़ी संख्या में लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का भी खुलासा हुआ है कि देश में सिर्फ तंबाकू पीने वालों की ही संख्या कम हुई है जबकि खाने वालों में मौत को कोई डर नहीं है। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि देश में तंबाकू का सेवन करने वालों में 3/4 भाग तंबाकू खाने वालों का है। इस पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई में हैड एंड नैक सर्जन डा. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार द्वारा पान-मसाला की तरफ आंखें मूंद कर रखना सबसे बड़ा कारण है।

तंबाकू से जुड़े तथ्य
-125 के करीब देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। 
- 5.5 खरब के करीब हर साल सिगरेटों का उत्पादन होता है 
- 1 अरब से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं।
-एड्स, मलेरिया और टीबी से ज्यादा संख्या कैंसर से मरने वालों की
-कैंसर से होने वाली मौतों में हर 5वें व्यक्ति की मौत की वजह तंबाकू का सेवन
-90 प्रतिशत मुंह के कैंसर का कारण तंबाकू सेवन


हरेक घंटे में तंबाकू खाने वाले 114 लोगों की मौत
तंबाकू का सेवन मौत का कारण बनता जा रहा है। देश में हर रोज 2800 से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के उत्पाद अथवा अन्य धूम्रपान का सेवन करने की वजह से हो रही है। इस तरह हरेक घंटे में 114 लोगों की मौत का कारण तंबाकू है। यही नहीं, दुनिया में हर 6 सैकेंड में एक व्यक्ति की मौत का कारण तंबाकू और धूम्रपान है। यही कारण है कि जनजागृति लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी को ज्यादा स्थान देने पर जोर दिया है। 

जागरूकता की भारी कमी : WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरैक्टर जनरल एडैमन घैब्रेसियस का मानना है कि बहुत सारे लोग यह तो जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से कैंसर और फेफड़ों की बीमारी होती है मगर दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के बारे में उनमें जागरूकता की कमी है। इस तंबाकू निषेध दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस तरफ मैसेज दिया है कि तंबाकू केवल कैंसर का कारण ही नहीं है बल्कि यह धीरे-धीरे दिल को भी नष्ट करता है। सर्वे में पाया गया कि देश में 19 प्रतिशत पुरुष, 2 प्रतिशत महिलाएं और 10.7 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ 29.6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशत महिलाएं और 21.4 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू खाते हैं।अध्ययन में यह भी पाया गया कि 92.4 प्रतिशत वयस्क मानते हैं कि धूम्रपान गंभीर बीमारी का कारण बनता है। वहीं 95.6 प्रतिशत वयस्कों का मानना है कि धुआं रहित तंबाकू के उपयोग से भी गंभीर बीमारियां होती हैं। सर्वे में यह भी कहा गया है कि लोगों को तंबाकू छोडऩे के लिए किए जा रहे जागरूकता अभियान और विज्ञापन का अच्छा असर पड़ा है। 

 

 

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