आतंकी जाकिर मूसा की लाश के साथ दब गए पंजाब के लिंक

punjabkesari.in Saturday, May 25, 2019 - 09:00 AM (IST)

जालंधर: सी.टी. इंस्टीच्यूट में हथियार पहुंचाने के  मास्टर माइंड एवं थाना मकसूदां में ब्लास्ट करवाने वाले आतंकी जाकिर मूसा की लाश के साथ उसके पंजाब से लिंक भी दब गए। एन.आई.ए. की टीम मूसा के पंजाब लिंक जानने के लिए लंबे समय से ट्रैप बिछा कर बैठी थी, लेकिन गिरफ्तार होने से पहले ही आर्मी ने उसे ठिकाने लगा दिया। एन.आई.ए. को यह जानना भी जरूरी था कि उसने जालंधर सहित अन्य किन-किन शहरों की रेकी की और उसके पीछे क्या इरादे थे। 23 मई को जाकिर मूसा का त्राल में आर्मी ने एनकाऊंटर कर उसे मौत के घाट उतार दिया। मूसा का उसी स्थान पर एनकाऊंटर किया गया, जहां 2016 में पोस्टर ब्वॉय आतंकी बुरआन वानी का एनकाऊंटर हुआ था।

वानी की मौत के बाद मूसा पोस्टर ब्वॉय के नाम से मशहूर हुआ था और उसे वानी की जगह बैठाया गया। उसने खुद का अंसार गजावत-उल-ङ्क्षहद के नाम से आतंकी संगठन भी बना रखा था, जिसका चीफ वह खुद बन गया था।अक्तूबर, 2018 में जब सी.टी. इंस्टीच्यूट से मोहम्मद इदरीस शाह, जाहिद गुलजार व यूसुफ रफीक भट्ट को ए.के.-56 राइफल, विस्फोटक सामग्री, गोलियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, तब आतंकी जाकिर मूसा का नाम सामने आया था। इससे पहले मूसा का जालंधर में किसी भी तरह का कोई ङ्क्षलक नहीं मिला था। मूसा को जालंधर पुलिस ने नामजद किया था, लेकिन मकसूदां थाने में हुए ब्लास्ट के बाद दोनों केस एन.आई.ए. को सौंप दिए गए थे।

सी.टी. इंस्टीच्यूट से अरैस्ट हुआ यूसुफ रफीक भट्ट जाकिर मूसा का चचेरा भाई था। इन तीनों को अरैस्ट करने के बाद जालंधर पुलिस ने जे. एंड के. में रेड कर मूसा के करीबी सोहेल व दानिश रहमान को भी गिरफ्तार किया था। इन लोगों के अरैस्ट के बाद मूसा को पंजाब के अलग-अलग शहरों में बदले हुए भेष में भी देखा गया था। चर्चा थी कि आतंकी जाकिर मूसा अपने साथियों को छुड़वाने के लिए पंजाब में घात लगाए बैठा है, लेकिन किसी भी तरह से इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई थी। उसी समय से एन.आई.ए. व खुफिया एजैंसियां अलर्ट पर थीं, क्योंकि मकसूदां ब्लास्ट में गिरफ्तार हुए आतंकियों ने दावा किया था कि मूसा ने उनसे इंडियन ऑयल व सी.आर.पी.एफ. कैंप की रेकी भी करवाई थी। 


जाहिर था कि पंजाब में भी मूसा के काफी लिंक हैं, जो पकड़े जाने जरूरी हैं। हथियारों व विस्फोटक सामग्री के साथ आतंकी एवं छात्रों को गिरफ्तार करने वाले इंस्पैक्टर बिमल कांत (अब डी.एस.पी.) का कहना है कि मूसा के मारे जाने से उसके पंजाब से लिंक अब नहीं मिल सकेंगे। अगर मूसा के ङ्क्षलक मिल जाते तो पिक्चर क्लीयर होनी थी। इन दोनों केसों के चालान एन.आई.ए. कोर्ट में पेश कर चुकी है। अब एफ.आई.आर. में से जाकिर मूसा का नाम हटाया जाएगा और बाकी के आतंकियों का ट्रायल चलता रहेगा। 

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