एक ऐसा परिवार जो 70 सालों से बना रहा किश्तियां

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 12:58 PM (IST)

रूपनगर(विजय): रूपनगर में पिछले 70 सालों से एक परिवार कश्तियां बनाने का कार्य कर रहा है। इन कश्तियों का प्रयोग पर्यटन विभाग के अलावा कमर्शियल तौर पर भी किया जाता है।
 
गौरतलब है कि किसी भी स्थान पर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए बोटिंग को सबसे रोमांचक समझा गया है। रूपनगर शहर जहां एक ओर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है वहीं सतलुज दरिया व सरहिंद नहरें शहर को अलग पहचान प्रदान करती हैं। रूपनगर में टूरिज्म विभाग पंजाब ने बोट क्लब की स्थापना की थी, लेकिन पिछले लंबे समय से बोट क्लब को भंग किए जाने के बाद सतलुज दरिया में बोटिंग को भी ठप्प कर दिया गया। भले ही रूपनगर बोटिंग बंद हो चुकी है, लेकिन शहर में बनने वाली कश्तियां देश के विभिन्न हिस्सों में आज भी सप्लाई की जा रही हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए किश्तियों का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज के मालिक हरविन्द्र सिंह ने बताया कि उनकी तीन पीढिय़ां किश्तियों के निर्माण कार्य के व्यवसाय चला रही हैं एवं पिछले 70 सालों में अब उनकी तीसरी पीढ़ी इस व्यवसाय को चला रही है।

हरविन्द्र सिंह ने व्यवसाय की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा निर्मित 13 किश्तियों को पठानकोट रेस्क्यू आप्रेशन के लिए भेजा गया। दिल्ली टूरिज्म को 35 बोट बना कर भेजी गईं एवं 7 किश्तियां सुखना झील चंडीगढ़ भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों फाइबर निर्मित बोट्स का चलन है और इसमें भी उनके द्वारा बनाई गई 8 पैंडल वाली किश्तियां नैनीताल भेजी गई हैं, जबकि इस तरह की दो बोट्स श्रीनगर भेजने के लिए तैयार की जा रही हैं। एक जानकारी में उन्होंने बताया कि 4 सीटर बोट की लागत करीब 65 हजार रुपए आंकी गई है, जबकि 2 सीटर बोट लगभग 45 हजार रुपए बजट में तैयार हो जाती है। उन्होंने कहा कि आजकल युवा पीढ़ी पुश्तैनी व्यवसाय अपनाने के प्रति उपेक्षा रखती है, वहीं उनकी तीन पीढिय़ां अपने किश्ती निर्माण करने के व्यवसाय को अपनाए हुए हैं। 

Vatika