वायु प्रदूषण से लोगों में रोग प्रतिरोधक शक्ति को पैदा हो रहा खतरा

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 11:44 AM (IST)

रूपनगर(कैलाश): वायु प्रदूषण आजकल पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार वायु प्रदूषण से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और लगभग लाखों की संख्या में लोग प्रति वर्ष वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। एक शोध अनुसार निमोनिया व वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मृत्यु में गहरा संबंध भी माना गया है। इसके अतिरिक्त वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण फैला वायु प्रदूषण भी स्वस्थ जीवन के लिए खतरा बन चुका है और वायु प्रदूषण से मृत्यु दर में भी तेजी आई है। वायु प्रदूषण से व्यक्ति पर विभिन्न प्रकार के विपरीत प्रभाव पड़ते हैं। वायु प्रदूषण से लोगों में रोग प्रतिरोधक शक्ति को खतरा हो रहा है। इस संबंधी ‘पंजाब केसरी’ ने शहर के कुछ डाक्टरों से बातचीत की।


वायु प्रदूषण का विपरीत प्रभाव व्यक्ति की आंखों पर बुरी तरह से पड़ रहा है। कुछ लोगों को तो आई फ्लू व आंखों से पानी निकलना भी देखने में आ रहा है। यदि वायु प्रदूषण पर काबू न पाया गया तो इससे आंखों के रोगियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। इसलिए यदि कोई आंखों की शिकायत किसी व्यक्ति को होती है तो इसके लिए तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। 
- डा. पवन शर्मा आई स्पैशलिस्ट 

वायु प्रदूषण से जब व्यक्ति को नाक व गले के रोग होते हैं तो उन्हें इसके साथ बुखार भी होता है जो कि कुछ दिनों तक रोगी को परेशान करता है। इसलिए वायु प्रदूषण से बचना जरूरी है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो रही है व लोग शीघ्र रोगों की चपेट में आ रहे हैं। 
- डा. विक्रम सिंगला, ई.एन.टी. स्पैशलिस्ट

वायु प्रदूषण के हृदय संबंधी बीमारियां तथा फेफड़ों के कैंसर होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। वायु प्रदूषण से हृदय संबंधी रोग तेजी से फैल रहा है। इसके अतिरिक्त फेफड़ों का कैंसर, श्वसन संबंधी बीमारियां भी वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रही हैं। यदि इस पर सरकार द्वारा गंभीरता से ध्यान न दिया गया तो बहुत से लोग हृदय रोगों के कारण अपनी जान गंवा सकते हैं। वायु प्रदूषण का सीधा विपरीत प्रभाव व्यक्ति के फेफड़ों पर भी पड़ता है जिससे व्यक्ति को निमोनिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है। 
- डा. अमरेन्द्र सिंह गिल, मैडीकल विशेषज्ञ

वायु प्रदूषण बच्चों के लिए भी हानिकारक है। जहां पर वायु प्रदूषण की मात्रा अधिक होती है, वहीं बच्चों की कम आयु में ही मौत हो सकने का डर भी बन सकता है। वायु प्रदूषण के कारण बच्चों को कई ऐसे रोग लग जाते हैं जिनका उपचार मुश्किल हो जाता है और महंगा भी होता है। एक तरफ भारत में जो लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं उनके बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं और वे उपचार करवाने में भी सक्षम नहीं होते। वायु प्रदूषण के कारण बच्चे इन्फैक्शन के कारण रोगों की चपेट में आ रहे हैं। 
- डा. गुरप्रीत कौर, चाइल्ड स्पैशलिस्ट


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