यूरिन ब्लैडर काटने का मामला : जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश-डाक्टर पीड़िता को दे 2 लाख हर्जाना
punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 01:57 PM (IST)
नवांशहर(त्रिपाठी): जिला उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल को डाक्टर की लापरवाही के मामले में उपचार पर खर्च हुई 1,89,580 रुपए की राशि का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं। फोरम ने अस्पताल प्रशासन को 2 लाख रुपए का हर्जाना भी अदा करने को कहा है।
जिला उपभोक्ता फोरम के पास दी शिकायत में कौशल्या देवी (65) पत्नी स्व. बलदेव सिंह निवासी गांव लधाना झिक्का तहसील बंगा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उसके पेट में दर्द हो रहा था जिसके चलते उसने बंगा-फगवाड़ा रोड पर स्थित एक चैरीटेबल अस्पताल में डाक्टर को दिखाया। डाक्टर ने जांच के बाद बताया कि यूटरस (गर्भाशय) साइज में छोटा है जिसके लिए माइनर ऑप्रेशन बिना स्टिच के होगा तथा इस पर करीब 10 हजार रुपए का खर्च आएगा। वह सहमति के बाद उक्त अस्पताल में ऑप्रेशन के लिए दाखिल हो गई तथा 17 जून, 2019 को ऑप्रेशन किया गया।
उसने बताया कि ऑप्रेशन के दौरान डाक्टर की लापरवाही के चलते उसका यूरिन ब्लैडर काट दिया गया, जो ऑप्रेशन का हिस्सा नहीं था। वहीं यूरिन ब्लैडर कटने के चलते निकलने वाले खून को रोकना मुश्किल हो गया तथा डाक्टर ने बीच ऑप्रेशन में उसे अन्य अस्पताल में रैफर कर दिया। उसने बताया कि डाक्टर की लापरवाही के चलते वह महीनों के लिए बैड पर पड़ गई है।
पीड़िता ने कहा कि वह विधवा है तथा उसकी आय का स्रोत भी नहीं है। दूसरी ओर उसका एक दिव्यांग लड़का जिसकी देखभाल उसे स्वयं करनी पड़ती है परंतु अब वह स्वयं बिस्तर पर पड़ गई है। जहां उसकी देखभाल के लिए कोई नहीं है, वहीं दिव्यांग लड़के को संभालना भी मुश्किल हो गया है। पीड़िता ने जिला उपभोक्ता फोरम को शिकायत कर लापरवाही करने वाले अस्पताल तथा डाक्टर से हर्जाना व उपचार पर खर्च हुई राशि दिलवाने की मांग की है।
क्या कहा फोरम ने..
उक्त शिकायत के उपरान्त फोरम ने संबंधित अस्पताल को नोटिस जारी किया, जिस पर उक्त अस्पताल ने भी अपना पक्ष फोरम के पास रखा। जिला उपभोक्ता फोरम के प्रधान कुलजीत सिंह व ज्यूरी सदस्य कंवलजीत सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्त निर्णय आंशिक तौर पर उपभोक्ता के पक्ष में करते हुए अस्पताल को उपचार के लिए खर्च बिल 1,89,580 रुपए तथा 2 लाख रुपए हर्जाना अदा करने के आदेश जारी किए। फोरम ने 5 हजार रुपए अदालती खर्च तथा 5 हजार रुपए अलग से लीगल एड खाते में जमा करवाने के भी आदेश दिए।