यह कैसी रोक: रेत की ढेरियां बता रहीं रात के अंधेरे में समसपुर खड्ड में हो रही अवैध माइनिंग

punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2019 - 01:16 PM (IST)

नवांशहर (त्रिपाठी): जुलाई में नीलामी होने के 5 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के कारण खड्डों से रेत की निकासी पर रोक है, मगर रात के अंधेरे में अवैध माइनिंग जोरों पर चल रही है। समसपुर खड्ड पर रात होते ही पोकलेन मशीनें दरिया से रेत निकालकर दरिया के आसपास लगती जमीन पर रेत की ढेरियां लगाना शुरू कर देती हैं। रातों-रात ट्रालियों और कैंटरों की मदद से रेत की ढुलाई हो जाती है। ‘

पंजाब केसरी’ के संवाददाता ने सुबह 8 बजे समसपुर खड्ड का दौरा कर देखा कि रेत की ढेरियां खुद रात के अंधेरे में माइनिंग की कहानी की कहानी बयां कर रही थीं और रेत पर पड़े गाडिय़ों के टायरों के निशानों से पता चलता है कि यहां से रात को गाडिय़ों से रेत की ढुलाई हुई है। जब इस संबंधी माइनिंग विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि जिस पार्टी ने खड्डों की नीलामी दी है उसने विभाग को अभी तक वातावरण क्लीयरैंस प्रमाण-पत्र नहीं सौंपा है। इसी तरह से नीलाम हुई खड्डों की अभी तक निशानदेही पूरी नहीं हुई है। जिला शहीद भगत सिंह नगर की 7 में से 2 खड्डों की वातावरण क्लीयरैंस विभाग के पास मौजूद है जिसे संबंधित पार्टी को अपने नाम पर ट्रांसफर करना है जबकि शेष 5 खड्डों की वातावरण क्लीयरैंस की अभी पूरी प्रक्रिया होनी बाकी है।

नवांशहर में 7 और कलस्टर में कुल 42 खड्डों की 59.50 करोड़ में हुई है नीलामी
माइनिंग विभाग के एक्सियन एस.एस. कलसी ने बताया कि नवांशहर-जालंधर-लुधियाना की खड्डों का 1 ही कलस्टर है जिसमें कुल 42 खड्डों की नीलामी 5 जुलाई को लुधियाना में 59.50 करोड़ रुपए में हुई थी। उक्त सभी खड्डें एक ही ग्रुप के पास हैं। उन्होंने बताया कि जिला शहीद भगत सिंह नगर में बुर्ज टहिलदास, बेगूवाल, ओलियापुर, ताजवाल वेला, रहिल बरामद, डुगरी वेट, सारंगपुर पेडा कुल 7 खड्डें आती हैं। 

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