करोड़ों की लागत से निर्मित जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 02:04 PM (IST)

नवांशहर (त्रिपाठी): पंजाब सरकार की ओर से मरीजों को नि:शुल्क उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से 18 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गया है परन्तु 100 बिस्तर वाले तथा वर्ष भर में 1 लाख से अधिक की ओ.पी.डी. वाले इस जिला स्तर के अस्पताल में जहां एम.बी.बी.एस. डाक्टरों सहित करीब दर्जन भर विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। अस्पताल में मौजूद कई अत्याधुनिक व बेशकीमती मशीनों को चलाने वाले डाक्टर न होने से मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल रहा है।

पंजाब का सेहत विभाग प्रदेश के सरकारी सेहत संस्थाओं में गरीबों व जरूरतमंदों का सस्ता उपचार करने का दावा करता है जो न केवल अस्पतालों में तैनात डाक्टरों की ओर से मरीजों को अस्पताल में मुफ्त मिलने वाली दवाई के स्थान पर बाजारों में कैमिस्ट दुकानों की पर्ची लिख कर कथित तौर पर मोटा कमीशन हासिल कर रहा है। सेहत विभाग की ओर से जिला अस्पताल में करीब 165 प्रकार की दवाइयों की किल्लत की जानकारी उच्च अधिकारियों को देने के बावजूद भी दवाइयों की सप्लाई पूॢत पिछले 6 महीने से पूरी तरह से नहीं हो पा रही है। यहां तक कि सेहत विभाग के संस्थागत डिलीवरी के दावे भी ठुस्स होते नजर आ रहे हैं।

सफेद हाथी बनी अस्पताल में पड़ी बेशकीमती मशीनें 
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड मशीन उपलब्ध है परन्तु इसे चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट डाक्टर की कमी के कारण मशीन सफेद हाथी बन रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से बार-बार रेडियोलॉजिस्ट की मांग करने के बावजूद जिला अस्पताल को माहिर डाक्टर की सेवाएं उपलब्ध नहीं हो रही है। इसी तरह से दिल की बीमारियों के उपचार में सहायक ईको कार्डियोग्राफी मशीन के उपलब्ध होने के बावजूद माहिर डाक्टर की कमी से मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी तरह से गंभीर मरीजों के उपचार के लिए न तो वैंटीलेटर है तथा न ही इस विभाग के लिए माहिर डाक्टर व स्टाफ उपलब्ध है। अस्पताल में आई.सी.यू. रूम स्थापित होने के बावजूद मशीनरी तथा स्टाफ की कमी के चलते आई.सी.यू. का अत्यन्त जरूरी यूनिट बंद पड़ा है।

Anjna