नगर कौंसिल व जिला प्रशासन आवारा पशुओं की समस्या के हल के लिए नहीं है गम्भीर

punjabkesari.in Monday, Jul 30, 2018 - 11:55 AM (IST)

रूपनगर (कैलाश): शहर में आवारा पशुओं व आवारा कुत्तों की संख्या में हो रही भारी वृद्धि जहां आम लोगों के लिए खतरा बन रही है वहीं दूसरी तरफ से नगर कौंसिल प्रशासन तथा जिला प्रशासन उक्त समस्या के समाधान के प्रति गम्भीर नहीं है।  जानकारी के अनुसार शहर में आवारा पशुओं व कुत्तों की गिनती काफी अधिक हो चुकी है और ऐसे में लोगों का घरों से बाहर निकलना अथवा बाजार जाना भी मुश्किल बना हुआ है।

कई लोग आवारा पशुओं का शिकार होकर हुए घायल 
इस संबंध में शहर निवासी एवं समाजसेवी महेन्द्र सिंह ओबराय, राजकुमार कपूर एवं शिवजीत सिंह माणकू  ने बताया कि आवारा पशुओं के कारण कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत दिनों ही रूपनगर के साथ लगते गांव कोटला निहंग की एक महिला की आवारा पशु द्वारा टक्कर मारने से मौत होने का समाचार भी मिला है। यहां तक कि कुत्तों के भय से बच्चे गलियों में खेलने से भी डरते हैं परंतु सरकार उक्त समस्या को लेकर मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने संबंधी टीके भले ही नि:शुल्क लगाए जाते हैं परंतु उक्त टीकों का भारी मात्रा में प्रयोग हो रहा है जोकि सरकार पर भी भारी बोझ बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि उक्त समस्या से शहर निवासियों को तुरंत छुटकारा दिलाया जाए। 

क्या कहते हैं कौंसिल प्रधान 
इस संबंध में जब कौंसिल प्रधान परमजीत सिंह माकड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग देर रात्रि के समय आवारा पशुओं को शहर में छोड़ जाते हैं तथा यह सिलसिला लंबे समय से चलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि कौंसिल शीघ्र उक्त समस्या के संबंध में बनती कार्रवाई अमल में लाएगी। इसके अलावा कुत्तों की नसबंदी संबंधी भी योजना तैयार की जाएगी और उसे आगे भेजा जाएगा। 

क्या कहते हैं एस.एम.ओ. 
इस संबंध में जब सिविल अस्पताल रूपनगर के एस.एम.ओ. डा. अनिल मनचंदा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रत्येक माह लगभग 500 इंजैक्शन कुत्तों के काटने संबंधी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास रोजाना 3-4 नए रोगी कुत्तों के काटने संबंधी पहुंच रहे हैं और मरीजों को ये टीके नि:शुल्क लगाए जाते हैं। 
 


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