विदेशी NRI दूल्हों की चाह ने बर्बाद की पंजाब की लड़कियों की जिंदगी

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 01:43 PM (IST)

रूपनगर(विजय): विदेशी दूल्हों के झांसे में आकर प्रदेश की भोली-भाली लड़कियां जहां अपना जीवन बर्बाद कर लेती हैं वहीं विदेशी दूल्हों के मक्कड़ जाल में फंसने के बाद वह जीवनभर अपनी किस्मत को कोसने पर मजबूर रहती हैं। वहीं इन लड़कियों के अभिभावकों को बाद में पछताना पड़ता है। 

पंजाब में अच्छे रिश्तों को नजरअंदाज कर लड़कियां विदेश जाने की चाहत में विदेशी (एन.आर.आई.) दूल्हों के चक्कर में फंस जाती हैं जिसमें लड़कियों के अभिभावकों भी यही चाहत रहती है कि उनकी लड़की विदेश में जाकर सैटल हो जाएगी और बाद में वह उनकी मदद करेगी। विदेश जाने की ललक के कारण पंजाब की भोली-भाली लड़कियां अपने सभी सुखों का त्याग करने को राजी हो जाती हैं वहीं विदेशी दूल्हे शादी करने के उपरांत तुरंत वापस विदेश भागने की करते हैं। इस दौरान लड़कियां अपने अभिभावकों के पास अपने दूल्हे के बुलावे का इंतजार करती रहती हैं। यहां तक कि विदेशी लड़कों की पुरानी हिस्ट्री को भी ध्यान में नहीं रखा जाता है। विदेशी दूल्हों के झांसे में आने वाली लड़कियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

पंजाब में बहुत सी लड़कियां ऐसी हैं, जिनके दूल्हों ने शादी के बाद कोई आश्रय नहीं दिया। यहां तक अब उनके बज्जे भी बड़े हो चुके हैं और उनके पालन-पोषण का जिम्मा भी मुश्किल से उठाना पड़ता है। इस तरह के मामलों में कई दूल्हों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए जो अदालतों तक पहुंच चुके हैं लेकिन इनमें लड़कियों को न्याय मिलने की उम्मीद कई बार धुंधली प्रतीत होती है। वहीं ऐसे हालात में लड़कियों का दोबारा विवाह करना भी मुश्किल हो जाता है। अभिभावक लड़की की बदनामी के डर से खामोश रहना ही पसंद करते हैं। पीड़ित लड़कियों में 60 फीसदी लड़कियां 20 से 30 वर्ष आयु की बताई जा रही हैं, जिनकी जिंदगी विवाह से पहले घरेलू कामकाज वाली बताई गई है। 

सरकारी नीति व पीड़ित आंकड़े लंबी कशमकश के बाद प्रदेश सरकार ने प्रवासी दूल्हों के लिए जहां महिला आयोग गठित किया है वहीं इसके माध्यम से किसी भी एन.आर.आई. को विवाह करवाने के मौके थाने में करवाई जाने वाली रजिस्ट्रेशन को ही मान्यता प्राप्त विवाह का दर्जा मिलने की नीति तय की गई है। इस कमीशन ने अपना फैसला क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय तथा गृह मंत्रालय के सहयोग से लागू किया है। कमीशन की कारगुजारी भविष्य में लड़कियों को विदेशी दूल्हों से सुरक्षित रखने के लिए जरूर सार्थक सिद्ध हो रही है परंतु लंबे अर्से से इन दूल्हों की सताई लड़कियों को इंसाफ दिलवाना समय की बड़ी चुनौती है। कमीशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब तक प्रदेश भर में 26 हजार लड़कियां विदेशी दूल्हों के धोखे का शिकार हो चुकी हैं जबकि सरकारी आंकड़ों के तहत पंजाब पुलिस के एन.आर.आई. विंग के पास वर्ष 2013 में विदेशी दूल्हों के विरुद्ध 758 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें 72 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2014 में प्राप्त 1148 शिकायतों के तहत 70 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2015 में 900 एन.आर.आई. दूल्हों पर शिकायत दर्ज हुई व 71 के विरुद्ध कार्रवाई रिकार्ड की गई है। 2016 की 673 शिकायतों में से 61 के विरुद्ध तथा 2017 में 982 में से 18 के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। 
 

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