सिविल अस्पताल में बिना इलाज घरों को लौट रहे मरीज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 20, 2018 - 11:21 AM (IST)

नवांशहर (मनोरंजन): करीब 20 करोड़ की लागत से बना सिविल अस्पताल नवांशहर अब सफेद हाथी बन गया है। महंगा इलाज करवाने में असमर्थ लोगों को बिना इलाज के ही घरों को वापस जाना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि सिविल अस्पताल नवांशहर में डाक्टरों के 20 में से 8 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा सड़क हादसों व अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी रैफर ही होना पड़ रहा है। गौर हो कि सिविल अस्पताल नवांशहर में इस समय न ही हड्डियों के रोगों का विशेषज्ञ डाक्टर है व न ही बच्चों तथा चमड़ी, नाक, कान व गले का कोई डाक्टर है। मरीजों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते इन विभागों में कोई डाक्टर न होने के कारण लोगों को भारी दिक्कत आ रही है।

बता दें कि सिविल अस्पताल में 4 मैडीकल अफसरों में से 2 डाक्टर पोस्ट ग्रैजुएशन करने के लिए चले गए हैं। सिविल अस्पताल नवांशहर में एम.ओ. स्पैशलिस्ट में कुल 20 पद हैं, जिनमें से 8 खाली हैं। एम.ओ. जनरल के 10 पदों में से 8 खाली हैं। इसके अलावा बच्चों के डाक्टरों के 3 पद खाली है। स्टाफ नर्स के 10 में से 4 पद खाली हैं। स्टाफ नर्स ड्रग डी-एडीक्शन के 4 में से 3 पद खाली हैं। क्लास 5 के 26 में से 18 पद खाली हैं। आई.सी.यू. में 4 पद खाली हैं। सफाई सेवकों के 15 पदों में से 10 खाली हैं।

स्पैशलिस्ट डाक्टरों को देनी पड़ रही सामान्य ड्यूटी 
मैडीकल अफसरों की कमी के कारण उनकी जगह स्पैशलिस्ट डाक्टरों को काम करना पड़ता है। स्पैशलिस्ट डाक्टरों को कई बार अपनी ओ.पी.डी. छोड़कर भी एमरजैंसी में आना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें नाइट ड्यूटी व पोस्टमार्टम भी करना पड़ रहा है। जिस दिन स्पैशलिस्ट डाक्टर नाइट डयूटी करता है उस डाक्टर को अगले दिन छुट्टी दी जाती है। ऐसे में स्पैशलिस्ट डाक्टर से दवा लेने वाले लोगों को बिना इलाज के ही वापस घर लौटना पड़ता है। उन्हें प्राइवेट अस्पतालों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है। इलाका निवासियों ने सरकार व प्रशासन से अपील की कि वे गरीब व जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए तुरंत सिविल अस्पताल में खाली पड़े पदों को भरें। इस संबंधी एस.एम.ओ. सिविल अस्पताल डा. हरविंद्र सिंह का कहना है कि खाली पड़े पदों को भरने के लिए विभाग को पत्र लिख कर भेजे गए हैं। उन्होंने आशा प्रकट कि की जल्द ही सरकार डाक्टरों व स्टाफ के खाली पदों को भरेगी।

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