नकली कार RC का उपयोग कर लाखों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार
punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 01:58 PM (IST)
पठानकोट : पठानकोट पुलिस ने वाहन के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट का इस्तेमाल कर फर्जी कार लोन स्कीम का भंडाफोड़ करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस संबंधी एस.एस.पी. पठानकोट हरकमप्रीत सिंह खख ने बताया कि काबू किए गए आरोपियों की पहचान मुकेश सिंह और सुरजीवन सिंह दोनों निवासी गांव धीरा पठानकोट के रूप में हुई।
उक्त दोनों आरोपियों ने कथित रूप से झूठे दस्तावेजों के आधार पर 5 लाख का ऋण प्राप्त कर भारतीय स्टेट बैंक को धोखा दिया था। उन्होंने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पठानकोट रोड सुजानपुर में सर्विस मैनेजर सुलखान सिंह द्वारा आर्थिक अपराध शाखा (ई.ओ.डब्ल्यू.) जिसमें उन्होंने इस कार ऋण धोखाधड़ी में पठानकोट के धीरा गांव के निवासी मुकेश सिंह और सुरजीवन सिंह की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
शिकायत के अनुसार आरोपी ने कार खरीदने के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आर.सी) दिखाकर बैंक से पांच लाख रुपये का ऋण लेने में धोखाधड़ी की थी। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू विंग की प्रमुख इंस्पेक्टर गुरप्रीत कौर ने अपराधियों को पकडऩे के लिए तुरंत जांच शुरू कर दी तथा जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यह घटना 2010 में हुई थी, जब मुकेश सिंह और सुरजीवन सिंह ने राइनो सी मॉडल कार खरीदने के इरादे से स्टेट बैंक ऑफ पटियाला से ऋण के लिए आवेदन किया था। तत्पश्चात उन्हें 5 लाख रुपये की ऋण राशि वितरित की गई जो उनके ऋण खाता संख्या 65088913131 को आवंटित की।
ऋण की शर्तों के अनुसार उन्हें 7794 रुपये की 84 मासिक किस्तें अदा करनी थीं। संदेह होने पर बैंक ने एक जांच शुरू की और 20 मार्च, 2021 को पठानकोट में जिला परिवहन अधिकारी को सत्यापन के लिए आरसी जमा की। आश्चर्यजनक रूप से यह पता चला कि पंजीकरण संख्या पी.बी.06-एल-6979 वाला वाहन वास्तव में जसविन्द्र सिंह निवासी ग्राम भैनी, पासवाल डाकघर, जगोवाल बेट, जिला गुरदासपुर का था। गुरदासपुर में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के साथ और सत्यापन ने पुष्टि की कि वाहन वास्तव में एक अलग चेसिस नंबर (48150) और इंजन नंबर (83443) के साथ एक स्प्लैंडर प्लस बाइक का है। उन्होंने बताया कि इसके बाद ईओडब्ल्यू विंग की जांच से पता चला कि मुकेश सिंह और सुरजीवन सिंह ने ऋण के लिए सुरक्षा के रूप में पंजीकरण संख्या पी.बी.06-एल-6979 चेसिस नंबर-एच.डी.पी.डब्लयू4000539, इंजन नंबर ई-3टी.2जी.एफ.000529 वाली एक इंडिका कार रखी थी। फिर भी यह सामने आया कि उनके द्वारा प्रदान किया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) भी फर्जी था। फरवरी 2013 में वित्तीय संस्थान ने ऋण को गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया क्योंकि उधारकर्ता अपने किस्त दायित्वों को पूरा करने में विफल रहे।
एस.एस.पी. खख ने आगे बताया कि पठानकोट पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत सुजानपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ को वास्तविक उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में शामिल अपराधियों को पकडऩे के लिए जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार आरोपी आदतन अपराधी हैं, जिनके खिलाफ डिवीजन नंबर 1 और 2 में पुलिस स्टेशनों में पहले से दो मामले दर्ज हैं। इसके अलावा श्री शक्ति सिंह, वह व्यक्ति जिसने कपटपूर्ण ऋण गारंटी प्रस्तुत की है, वर्तमान में जांच के दायरे में है। गिरफ्तार अपराधियों को अदालत में पेश किया जाएगा और उनकी धोखाधड़ी गतिविधियों की पूरी हद तक खुलासा करने के लिए उनके रिमांड का अनुरोध किया जाएगा।
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