मौर्या शर्मा ने किया जिले में टॉप

punjabkesari.in Wednesday, May 30, 2018 - 09:55 AM (IST)

पटियाला (प्रतिभा): सी.बी.एस.ई. 10वीं के नतीजों में इस बार सेंट पीटर के मौर्या शर्मा जिले में टॉप पर रहे हैं। सेंट पीटर्स स्कूल के मौर्या शर्मा ने भी 98 प्रतिशत अंक लेकर जिले में टॉप किया है। 

इसके अलावा जिले में दूसरा स्थान बुड्ढा दल पब्लिक स्कूल की रिया सिंगला ने 97.8 प्रतिशत अंक ले हासिल किया और लेडी फातिमा की दृष्टि ने 97.8 अंक प्राप्त किए हैं। जबकि तीसरे स्थान पर रही लेडी फातिमा स्कूल की दीक्षा ने 97.6 प्रतिशत व श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल की गुरबानी कौर ने 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। जबकि राजपुरा के मुक्त स्कूल के विद्यार्थी निशांत अरोड़ा और श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल के अभिषेक 97.4 प्रतिशत अंक लेकर चौथे स्थान पर रहे। 5वें स्थान पर रहे पुलिस डी.ए.वी. स्कूल की मेघा ने 97.2, डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल की ऐश्वर्या और अरङ्क्षबदो स्कूल की सुहानी शर्मा ने 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

कभी भी ओवर कॉन्फिडैंस नहीं होना चाहिए : मौर्या  

सेंट पीटर्स स्कूल के मौर्या शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एम.एस. धोनी के शांत स्वभाव से प्रेरित हैं। वह कहते हैं कि कभी भी ओवर कॉन्फिडैंस नहीं होना चाहिए। पढ़ाई के समय को लेकर मौर्या का कहना है कि स्टडीज का कोई भी टाइम फिक्स नहीं था। बस जो पढ़ा, उसी पर फोकस किया। सारे साल की मेहनत का नतीजा ही होता है कि अच्छे नंबर आते हैं। पेपरों में तो सिर्फ रिवाइज करना होता है। 

मौर्या के पिता पंजाबी यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर डिपार्टमैंट के हैड नीरज शर्मा हैं और मम्मी बुड्ढा दल पब्लिक स्कूल में कॉमर्स टीचर पूनम शर्मा हैं। प्लस वन में नॉन-मैडिकल स्ट्रीम लेकर पढ़ाई कर रहे मौर्या मास मीडिया और जर्नलिज्म में जाना चाहते हैं। बिना प्रैशर लिए वह पढ़ाई करते हैं और खास बात ये है कि उनके सभी बैस्ट फ्रैंड्स भी 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक लेकर आए हैं, जिनके साथ वो ग्रुप स्टडीज करते थे। उनकी बड़ी बहन भी हैं जोकि यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं और वह अपने परिवार में पहले टॉपर बने हैं।

बी.टैक. के बाद अच्छी जॉब करते हुए समाज सेवा करना है लक्ष्य : दृष्टि जैन थापर
आवर लेडी ऑफ फातिमा स्कूल की दृष्टि जैन थापर ने 97.8 प्रतिशत अंक लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रोफैसर माता-पिता की बेटी दृष्टि प्लस-वन में नॉन-मैडिकल कर रही है। हालांकि इसके बाद वह बी.टैक करेगी। उनका कहना है कि वह इंजीनियर नहीं बनना चाहती हैं। वह बी.टैक करने के बाद सोचेंगी कि क्या जॉब करनी है, पर अच्छी जॉब लेकर पैसा कमाना है और फिर समाज सेवा करना है। 

किताबी कीड़ा नहीं है दीक्षा, डॉक्टर बनना चाहती है
97.6 प्रतिशत अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही दीक्षा ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। दीक्षा कहती है कि वह किताबी कीड़ा नहीं हैं। टी.वी. देखने का बहुत शौक है और टी.वी. भी देखती हैं, मोबाइल भी चलाती हैं। पर पढ़ाई को भी उतना ही समय देती हैं। चंडीगढ़ के इंस्टीच्यूट से मैडिकल की पढ़ाई कर रही दीक्षा के पिता ज्वैलर अंकुर जेहलवी और मम्मी टीचर शम्मी जेहलवी हैं। एक भाई है, जिसने 10वीं में 88 प्रतिशत अंक लिए हैं और वह नॉन-मैडिकल कर रहा है। दीक्षा कहती है कि उसे शुरू से ही डॉक्टर बनने का सपना था जिसे वह पूरा करने के लिए मेहनत कर रही है। 

swetha