धान की पराली जलाने से शाही शहर के वायुप्रदूषण में 3 गुना वृद्धि

punjabkesari.in Thursday, Oct 11, 2018 - 02:53 PM (IST)

पटियाला(बलजिन्दर, स.ह.) : धान के सीजन में तेजी आते ही पंजाब सहित पटियाला की आबोहवा भी प्रदूषित होनी शुरू हो गई है। हालात ये हैं कि पिछले 4 दिनों में पटियाला की हवा 3 गुना अधिक प्रदूषित हो गई है।

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक बीते 6 अक्तूबर को पटियाला की हवा का एयर क्वालिटी इंडैक्स 62 माइक्रो ग्राम पर क्यूबिक मीटर था जोकि 10 अक्तूबर को एकदम छलांग लगा कर 170 माइक्रो ग्राम पर क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है। यदि यही रफ्तार रही तो पटियाला वासियों को इस बार फिर से अक्तूबर और नवंबर के पहले सप्ताह में हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। पटियाला के साथ-साथ पूरे पंजाब के एयर क्वालिटी इंडैक्स की बात करें तो 6 अक्तूबर को एयर क्वालिटी इंडैक्स 77 माइक्रो ग्राम पर क्यूबिक मीटर था जो कि 10 अक्तूबर को 151 माइक्रो ग्राम पर क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है।

पिछले साल भी धान का सीजन शुरू होते ही खराब हो गए थे हालात
पंजाब में पिछले कुछ सालों से धान का सीजन शुरू होते ही प्रदूषण के पक्ष से हालात काफी ज्यादा खराब हो जाते हैं। सब से खतरनाक नजारा पिछली बार देखने को मिला था, जबकि धान के सीजन के अंतिम दिनों में एमरजैंसी घोषित कर दी गई थी और प्रदूषण ज्यादा होने के कारण लोगों को सैर करन से मना कर दिया गया था तथा स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई थीं। इस साल भी फिर से हालात इसी तरह के बनने शुरू हो गए हैं, क्योंकि किसान यूनियन की तरफ से यह कह कर पराली जलाने का समर्थन किया जा रहा है कि बिना पराली जलाए आगे गेहूं की बिजवाई करने पर ज्यादा खर्च आएगा और सरकार इस के लिए मुआवजा दे। गांव फतेहपुर में इस मामले में कुछ किसानों की तरफ से हलका पटवारी के साथ दुव्र्यवहार भी किया गया और कुछ किसानों पर केस भी दर्ज किया गया है।

अगले कुछ दिन प्रशासन के लिए काफी ज्यादा मुश्किल
अगले कुछ दिन जिला प्रशासन के लिए काफी ज्यादा मुश्किल रहने वाले हैं, क्योंकि पिछले साल भी काफी ज्यादा सख्ती के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने एकदम से इसको केंद्र की जिम्मेदारी बताते एक बयान जारी कर दिया था। मुख्यमंत्री के बयान के बाद किसानों ने एकदम धान की पराली को आग लगाना शुरू कर किया और हालात एकदम बिगड़ गए थे। इस बार अब तक प्रशासन काफी सख्त दिखाई दे रहा है और प्रशासन का दावा है कि जिला प्रशासन की तरफ से इस बार धान की पराली को जलाने से रोकने के लिए व्यापक प्रबंध करने का दावा किया गया है। सभी प्रबंधों का जायजा खुद डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित कर रहे थे।

इसके बाद प्रत्येक डिवीजन स्तर पर एस.डी.एम. और उसके बाद बी.डी.पी.ओ. ब्लाक स्तर पर समूचे प्रबंध देखेंगे। इतना ही नहीं हरेक गांव की निगरानी लोगों का चुना हुआ नुमाइंदा करेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन की तरफ से एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है और एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है ताकि कोई भी उस नंबर पर पराली जलाने वालों की तस्वीर पोस्ट कर सके। कार्रवाई के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया जाएगा। कंट्रोल रूम से बैठ कर सभी हर कोने पर पैनी नजर रखी जा सकती है। इसके अलावा पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से अलग से इसके लिए यत्न किए जा रहे हैं।

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