नाड के साथ यह भी है वायु प्रदूषण का मुख्य कारण

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 02:25 PM (IST)

पटियालाःपंजाब में वायु प्रदूषण के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। अकसर कहा जात है कि किसानों द्वारा फसल की नाड जलाने से हवा में प्रदूषण बढ़ता है। इस संबंधी 6 जिले में एकत्रित किए  गए आकंड़े कुछ अलग ही कहानी बयान कर रहे हैं। इन आंकड़ों के अनुसार राज्य की हवा बहुत अच्छी कैटेगरी में नहीं है।  पंजाब की हवा पिछले 6 माह में खराब और ज्यादा खराब कैटेगरी में आई है। इस दौरान कोई नाड़ नहीं जलाई गई। 

पंजाब प्रदूषण बोर्ड इस समय पटियाला,अमृतसर,मंडी गोबिंदगढ़,खन्ना,जालंधर तथा लुधियाना में इस संबंधी सर्वे कर रहा है।  पी.पी.सी.बी. के एक वरिष्ठ अधिकारी चरनजीत सिंह ने कहा कि आम तौर पर एयर क्वालिटी इंडैक्स  ज्यादातर दिनों में 100 आर.एस.पी.एम. से ऊपर है। यह खतरनाक स्तर पर उस समय पहुंचता जब किसान नाड जलाते । पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में हवा में प्रदूषण 340 तक पहुंच गया था। राज्य के कई स्कूलों को हवा में धुएं के कारण बंद करने के लिए कहा गया था। पी.पी.सी.बी. के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ईंट-भट्टों से निकलने वाला धुंआ आम तौर पर पूरे साल जारी रहता है।  इस कारण हवा में प्रदूषण जारी रहता है।

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