भाई लौंगोवाल का SGPC का फिर प्रधान बनना तय!

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 01:58 PM (IST)

पटियाला/रखड़ा(रणजीत राणा): सिखों का प्रतिनिधित्व करने वाली और गुरुधामों के प्रबंध की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान और कार्यकारिणी के चुनाव के लिए जनरल इजलास 27 नवम्बर को तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाया गया है। इसमें प्रधान समेत कार्यकारिणी का चुनाव होगा। पिछले चुनाव दौरान देखने को मिला कि एस.जी.पी.सी. पर शिरोमणि अकाली दल का सीधे तौर पर कब्जा है और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान की मर्जी के साथ ही एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष के लिए नाम प्रस्तावित किया जाता है। 

श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व समागमों में मौजूदा प्रधान भाई गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल की तरफ से निभाई भूमिका के मद्देनजर पिछली 2 ट्रमों की तरह इस बार भी लौंगोवाल के नाम पर सहमति बना कर प्रधान बनना लगभग तय ही समझा जा रहा है। क्योंकि बरगाड़ी और बहबल कलां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सरूपों की बेअदबी कांडों कारण शिरोमणि अकाली दल की साख को नुक्सान हुआ और जिस कारण उसे विधानसभा चुनाव दौरान हार का मुंह देखना पड़ा था। एस.जी.पी.सी. द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करवाए समागमों में भाई गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल की तरफ से शिरोमणि अकाली दल को जो आक्सीजन दी गई है, उसके साथ शिरोमणि अकाली दल फिर से अपने पैरों पर खड़ा होता दिखाई दे रहा है। एस.जी.पी.सी. के समागमों में शिरोमणि अकाली दल की पूरी लीडरशिप के साथ-साथ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी अपनी स्थापना को भी मजबूत किया है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल समेत शिरोमणि अकाली दल के सभी नेताओं में भाई लौंगोवाल ने अपनी सूझ-समझ और काबिलियत की छाप छोड़ी है।

इस के साथ ही एस.जी.पी.सी. के मौजूदा एक साल के कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिखों की पहचान मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है। गुरुद्वारा प्रबंधों में भी सुधार देखने को मिल रहा है। चाहे कि गोबिन्द सिंह लौंगोवाल का नाम अध्यक्षता के लिए फाइनल ही समझा जा रहा है। परन्तु श्री गुरु नानक देव जी 550वें प्रकाश पर्व समागमों में एस.जी.पी.सी. की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर की सक्रिय हाजिरी ने भी सिख हलकों में चर्चा छेड़ दी है कि आने वाली चुनाव में बीबी जागीर का नाम भी विचारा जा सकता है।फिलहाल इन 2 चेहरों के अलावा अध्यक्ष के लिए कोई और चेहरा सक्रियता दिखाता नजर नहीं आ रहा। दरवेश शख्सियत और सिख स्कॉलर प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने भी 550वें प्रकाश पर्व समागमों में सक्रिय भूमिका निभाई है और शैक्षिक संस्थानोंं में करवाए बहुत से समागमों में हाजिरी लगवाई। यह भी जिक्रयोग्य है कि एस.जी.पी.सी. के सभी सदस्यों और सिख चेहरों में से प्रो. बडूंगर अधिक पढ़े-लिखे, सिख धर्म, गुरबाणी, गुरबाणी उच्चारण, दर्शन और इतिहास पर गहरी पकड़ रखते हैं। भरोसेयोग्य सूत्रों की मानें तो पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह फिर से भाई लौंगोवाल पर भरोसा जता सकते हैं। यहां यह भी वर्णनयोग्य है कि शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल ने कभी भी अपने या पार्टी खिलाफ बगावत करने वाले को उच्च पद नहीं दिया और अगर दिया भी तो दोबारा नहीं दिया। बाकी समय के गर्भ अंदर क्या पल रहा है और राजनीति के बाबा बरगद प्रकाश सिंह बादल के दिमाग के अंदर क्या चल रहा है, कोई नहीं जानता। यह तो समय ही बताएगा, लिहाजा सभी हालात भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल के हक में चलते दिखाई दे रहे हैं।


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