अध्यापकों ने खून के दीये जला कर मनाई काली दीवाली

punjabkesari.in Friday, Nov 09, 2018 - 08:41 AM (IST)

पटियाला (जोसन/ बलजिन्द्र): काली दीवाली मनाने की घोषणा कर चुके अध्यापकों ने जहां खून के दीये जला कर काली दीवाली मनाई, वहीं न्यू मोती महल की तरफ सैंकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर रोष मार्च किया। सरकार की वायदाखिलाफी से दुखी अध्यापकों ने न्यू मोती महल जाने से रोकने के लिए पुलिस की तरफ से लगाए नाकों को तोड़ दिया, जिस कारण पुलिस ने अध्यापकों पर लाठीचार्ज कर दिया। 

लाठियां खाने से बावजूद गुस्से में आए अध्यापक आगे बढ़ते गए और इन्होंने मोती महल के दीवार के साथ जा धरना लगाया। जिक्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री की बेरुखी का शिकार अध्यापक पिछले एक महीने से पटियाला की सड़कों पर धक्के खाने के लिए मजबूर हैं। अध्यापकों ने दीवाली का त्यौहार भी अपने घरों से बाहर रह कर खुले टैंट में मनाया। दीवाली वाले पूरा दिन पुलिस की लाठियां खाने के बाद रात को अध्यापकों ने खून के दीये जला कर दीवाली मनाई। इस मौके सभी अध्यापकों ने अपने-अपने बाजुओं में से खून दिया और फिर रात को इस खून के दीए जलाए गए जिससे सरकार को जगाया जाए। काली दीवाली मनाने के बाद आज 33वें दिन में 17 अध्यापकों ने भूख हड़ताल की। 

अध्यापक नेताओं ने कहा कि शिक्षा सचिव और शिक्षामंत्री मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। इस कारण हमें काली दीवाली मनानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि आज हमारे दर्जनों अध्यापकों से मारपीट की गई परन्तु हमारे हौंसले बुलंद हैं। अध्यापक नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग और पुलिस की ज्यादतियों के बावजूद भी हम यह संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें पूरा वेतन नहीं दिया जाता।सांझा अध्यापक मोर्चा के राज्य कन्वीनर दविन्दर सिंह पूनिया और सुखविन्दर सिंह चाहल के अलावा सूबा को-कन्वीनर हरदीप सिंह टोडरपुर ने तथाकथित प्रोजैक्टों के द्वारा सार्वजनिक शिक्षा को तहस-नहस करने वाले और अध्यापकों के साथ बुरा व्यवहार करने वाले शिक्षा सचिव को शिक्षा विभाग में से तुरंत बदलने और दूसरी मांगों का सरकार की तरफ से हल न निकालने की सूरत में संघर्ष को और व्यापक तथा तीखा रूप देने की घोषणा की। 
 

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