गैर परंपरागत आतंकवाद से मुकाबले के लिए गठित किए SOG कमांडो की मुख्यमंत्री ने की सराहना

punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 10:50 AM (IST)

पटियाला(राजेश/ जोसन) : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नए भर्ती एस.ओ.जी. कमांडो की प्रशंसा करते हुए पहले बनाई गई स्वैट की तुलना में उन्हें इस मौजूदा बदलते परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद से मुकाबले में राज्य का महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस नई यूनिट को और मजबूत करने में उनकी सरकार पूरा सहयोग देगी। आज यहां कमांडो प्रशिक्षण केंद्र बहादुरगढ़ में स्पैशल आप्रेशन ग्रुप के ट्रेनी कमांडो के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों और दहशतगर्दों की तरफ  से लड़ाई के गैर परंपरागत ढंग इस्तेमाल करने की वजह से राज्य में आतंकवाद विरोधी प्रणाली को नवीनतम तौर तरीकों से लैस करना एक अहम जरूरत बन गई थी। 

एस.ओ.जी. कमांडो द्वारा अपने कड़े प्रशिक्षण, सामथ्र्य और क्षमता से किए गए शानदार प्रदर्शन को बारीकी के साथ देखने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उनके साथ बातचीत दौरान उनकी जमकर प्रशंसा की। इस दौरान कुल 186 कमांडो, 158 ट्रेनी और 17 इंस्ट्रक्टर ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने एडवांस पी.टी.ए. ड्रिल, शारीरिक फिटनैस, हथियार चलाना, इमारत पर रस्सी की मदद से साथ चढऩा-उतरना, रेंगना, आप्रेशन दौरान रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को पार करना सहित दुश्मन को मार गिराने के लिए और कई प्रकार के अत्याधुनिक तरीके और रणनीतिक करतब दिखाए। इस ग्रुप के इंस्ट्रक्टर भारतीय सेनाएं पैरा स्पैशल फोर्स सी.पी.ओ. और एन.एस.जी. से आए हुए विशेष प्रशिक्षित कमांडो हैं, जिन्हें पंजाब पुलिस में विशेष केस के तौर पर भर्ती किया गया है। एस.ओ.जी. जैसे महत्वपूर्ण और विशेष दस्ते की जरूरत पर रोशनी डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनानगर पुलिस स्टेशन और पठानकोट एयरबेस पर हुए फिदायीन हमलों जैसी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए इस सीमावर्ती राज्य को ऐसी आतंकवाद विरोधी शक्ति के साथ लैस करना बेहद जरूरी था।

उन्होंने कहा कि हालांकि परंपरागत आतंकवाद के अगले चरण दौरान दहशतगर्दी की घटनाओं में बेहद कमी आई है परंतु यह चुनौती अब नए और गैर परंपरागत आतंकवाद के तौर पर उभर कर भी सामने आई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि पंजाब की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और नशे की तस्करी सहित स्थानीय आतंकवाद से भी खतरा पैदा होता रहा है क्योंकि सरहद पार के लश्कर-ए-तोयबा, यूनाइटेड जेहाद कौंसिल, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा जैसे संगठन यहां आतंकवाद फैलाने की ताक में रहे हैं। इस दौरान पंजाब पुलिस के डायरैक्टर जनरल सुरेश अरोड़ा ने एस.ओ.जी. की जरूरत बाबत जानकारी देते हुए बताया कि दीनानगर हमले के बाद ऐसे किसी विशेष दस्तों की जरूरत महसूस हुई थी, जिसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पिछले साल अगस्त महीने में तुरंत स्वीकृत किया। उन्होंने बताया कि कुल 12 सप्ताह के प्रशिक्षण में एस.ओ.जी. कमांडो को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इन्हें अगले प्रशिक्षण के लिए इसराईल भेजने का भी प्रस्ताव है। सुरेश अरोड़ा ने बताया कि एस.ओ.जी. कमांडो बटालियन खड़ी करने में जीरो खर्च आया है क्योंकि यह एक कमांडो बटालियन के खर्च में से ही खड़ी की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह कमांडोज एन.एस.जी. की तर्ज पर बाहर के राज्य में पैदा होने वाले किसी भी संभावित खतरे के मुकाबले के लिए भी अपनी सेवाएं निभाएंगे।

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