....जब स्वास्थ्य मंत्री के फोन के बाद हुई गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी

punjabkesari.in Sunday, Feb 17, 2019 - 11:10 AM (IST)

समाना(शशिपाल): डिलीवरी हेतु सिविल अस्पताल समाना पहुंची गर्भवती महिला का आप्रेशन करने की जरूरत समय डाक्टर द्वारा व्यस्त बताकर टीका लगाने से इंकार करने पर पीड़ित गर्भवती को गंभीर स्थिति में पटियाला अस्पताल रैफर कर देने का मामला सामने आया है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री व उसके पी.ए. को शिकायत की जिसके बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा रैफर की महिला को दोबारा अस्पताल बुलाकर डाक्टर के टीका लगा देने उपरांत गायनी डाक्टर द्वारा गर्भवती महिला का आप्रेशन कर डिलीवरी कर दी गई।

 अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला सुमन के पति सतपाल निवासी शुतराणा ने बताया कि बुधवार को वह अपनी पत्नी को डिलीवरी हेतु यहां लाया था। जहां गायनी डाक्टर द्वारा उसकी पत्नी की आप्रेशन द्वारा डिलीवरी होनी बताई गई और आप्रेशन की तैयारी दौरान अस्पताल के डाक्टर द्वारा अपने को व्यस्त बताकर इंजैक्शन लगाने से इंकार कर दिया गया, जिसके बाद महिला की तकलीफ बढऩे के कारण उसे पटियाला रैफर कर दिया गया।

इस मामले की सूचना मिलने पर समाज सेवक एवं कांग्रेस के प्रमुख नेता प्रदीप शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मङ्क्षहद्रा व उनके पी.ए. को फोन पर स्थिति की जानकारी दी, जिसके बाद मंत्री के फोन पर महिला की डिलीवरी करवाई गई। इस संबंध में कांग्रेसी नेता प्रदीप शर्मा ने अस्पताल को दलालों का अड्डा बताते हुए प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कई मरीजों को बिना जरूरत के एक्सरे, अल्ट्रासाऊंड करवाने को कहा जाता है और आप्रेशन के लिए पैकेज बताए जाने की भी शिकायतें मिली हैं। प्रदीप शर्मा ने इन शिकायतों की जांच हेतु तुरन्त एक पत्र स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मङ्क्षहद्रा को भी लिखा और डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने कहा कि एनथीसिया डाक्टर के अपना काम सही ढंग से न करने के कारण अस्पताल में डिलीवरी की रेशो घट गई है जो पहले 300 प्रतिमाह थी, वह अब घट कर 100 ही रह गई है जिसकी जांच होनी चाहिए।

सी.एम.ओ. ने कहा-मामले की जांच करवाएंगे

इस संबंध में अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. राजपाल सिंह ने उस दिन खुद को छुट्टी पर होने बारे बताते हुए मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की बात कही है। 

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