12 वर्षों बाद पटियाला जिले पर फिर लगा ‘भ्रूण हत्या’ का कलंक

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 02:42 PM (IST)

पटियाला (परमीत) : शाही जिले पर 12 वर्षों बाद एक बार फिर से ‘भ्रूण हत्या’ का कलंक लग गया है। 12 वर्ष पहले पातड़ां के एक कुएं से 50 भ्रूण बरामद हुए थे। जिले में आज हरियाणा के कैथल जिले और पटियाला जिले की सेहत विभाग की टीमों की तरफ से कस्बा बहादुरगढ़ में छापेमारी की गई। इस दौरान 4 महीने का भ्रूण मिलने और भ्रूण हत्या के गोरखधंधे में लगे दम्पति द्वारा 4 से 5 ऐसे पहले केस किए जाने का कथित कबूलनामा किया गया है।

पंजाब में लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले पहले घटकर प्रति हजार लड़कों के पीछे सिर्फ  776 रह गई थी। इस औसत में बड़ी मुश्किल से ही सुधार देखने को मिला था परंतु आज की घटना ने पंजाबियों को एक बार फिर से शर्मसार किया है। लोगों में हैरानी इस बात की है कि 12 वर्ष पहले भी भ्रूण हत्या करने में पति-पत्नी शामिल थे और आज की घटना में भी पति-पत्नी शामिल पाए गए हैं।

पिछड़ा क्षेत्र होने से भ्रूण हत्याएं होती हैं ज्यादा
पटियाला जिला जोकि हरियाणा की सरहद के साथ लगता अंतिम जिला है और इसकी हरियाणा के साथ लगती सरहद पर ज्यादा इलाका पिछड़ा गिना जाता है। इन इलाकों में पातड़ां से गूहला-चीका आदि क्षेत्र में लोगों में मादा भ्रूण हत्या किए जाने की प्रवृत्ति पाई जाती है। चाहे पंजाब में जागरूकता लहर का प्रभाव पिछले सालों के अंदर देखने को मिला है परंतु ताजा घटना ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।

30 फुट गहरे कुएं में से मिले थे 50 भ्रूण
वर्ष 2006 के अगस्त दौरान जिले के पातड़ां कस्बे में एक नॄसग होम के पीछे 30 फुट गहरे कुएं में से 50 भ्रूण मिले थे। इस बरामदगी ने सारे राज्य में लोगों को हैरानी में डाल दिया था। इसके उपरांत पंजाब में भ्रूण हत्याएं रोकने के लिए पी.एन.डी.टी. एक्ट सख्ती के साथ लागू किया गया और मैडीकल तौर पर गर्भपात यानी एम.टी.पी. पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई। तब से प्रदेश में भ्रूण हत्या को काफी नकेल पड़ी थी।

Anjna