डिप्टी कमिश्नर ने फिर किया घग्घर, टांगरी और मारकंडा दरिया का दौरा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 11:10 AM (IST)

पटियाला/देवीगढ़(जोसन, बलजिंद्र, राणा, स.ह.):डिप्टी कमिश्नर पटियाला कुमार अमित ने फिर घग्घर दरिया समेत टांगरी और मारकंडा दरिया का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया।उनके साथ अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) पूनमदीप कौर और ड्रेनेज विभाग के कार्यकारी इंजीनियर दविन्द्र सिंह मौजूद थे। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सब कुछ ठीक है और स्थिति नियंत्रण में है, इसलिए लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति से डरने की जरूरत नहीं परंतु फिर भी लोग अफवाहों से सचेत रहें।

उन्होंने बताया कि घग्घर दरिया में भांखरपुर में पानी आज दोपहर 2.8 फुट पर बह रहा था जबकि यहां अधिक से अधिक पानी 10 फुट पर जा सकता है। इसी तरह सराला हैड पर पानी 13 फुट पर बह रहा है और यहां भी पानी 16 फुट पर जा सकता है। उन्होंने बताया कि खनौरी में घग्घर दरिया 744.50 फुट गेज पर बह रहा है जबकि यहां अधिक से अधिक क्षमता 751 फुट है। इसी तरह दरिया टांगरी में पानी 9 फुट पर है और यहां पानी 12 फुट पर जा सकता है और मारकंडा दरिया में पानी 16 फुट पर बह रहा है और यहां पानी 20 फुट तक जा सकता है।

उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की हिदायतों पर जिला प्रशासन किसी भी खतरे वाली स्थिति के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है परंतु लोगों को अफवाहों से बचना चाहिए। जिले में से गुजरते सभी निकासी नाले और दरिया अपने निर्धारित क्षमता के मुताबिक पूरा पानी खींच रहे हैं, जबकि सराला हैड पर बूटी की जल निकास विभाग द्वारा सफाई जे.सी.बी. मशीन के साथ करवाई जा रही है। उन्होंने इस दौरान जल निकास विभाग के अधिकारियों को और ज्यादा चौकस रहने के निर्देश दिए। एक्सियन दविन्द्र सिंह ने डिप्टी कमिश्नर को सभी बरसाती नदियां, नालों और दरियाओं की स्थिति से जानकार करवाया और बताया कि उनका विभाग पूरी तरह चौकस और लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए वचनबद्ध है।

कड़ाके की धूप खिली

 पिछले 72 घंटों से लगातार बरसात पडऩे के बाद सुबह अचानक मौसम ने करवट ली व दिन भर धूप खिली रही। हालांकि गत रात्रि से ही बरसात बंद थी पर पीछे से छोड़े गए पानी से बाढ़ आने का खतरा दिन भर लोगों के जहन में रहा।हालात यह थे कि हर कोई पीछे कितना पानी आना है व किन-किन क्षेत्रों में आ सकता है इसको लेकर काफी सतर्क था। क्योंकि पटियाला में 1988 व 1993 में बाढ़ के पानी से बहुत ज्यादा नुक्सान हुआ था, लिहाजा पटियाला के लोगों की आंखों के सामने वहीं पुराना मंजर दिखाई देने लगा था और हर कोई पानी की स्थिति बारे जानने को लेकर उत्सुक था। 

सब्जियों की खेती भी हुई मलियामेट
जिले में सब्जी की खेती का बड़े स्तर पर नुक्सान हुआ क्योंकि सर्दियों की सब्जियों की खेती की बिजाई इन दिनों के दौरान चल रही थी जोकि भारी बरसात के कारण केवल प्रभावित ही नहीं हुई बल्कि 
जो बिजाई की जा चुकी थी, वह फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गईं, जिससे इस बार स्थानीय सब्जियां देर से आना तय हो गया है।

बाढ़ का डर अभी भी बरकरार 

चाहे आज बारिश रुक गई है परंतु पटियाला समेत लुधियाना, बरनाला, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली में भी भारी बारिश की भविष्यवाणी है जिसने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। चाहे कि पटियाला में अभी तक सब कुछ नियंत्रण में है परंतु लगातार 3 दिन पड़ी बारिश के साथ पंजाब में पहले ही सभी डैम पूरी तरह बह रहे हैं। भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड ने पंजाब सरकार को सलाह दी है कि मंगलवार को पौंग डैम में से फालतू पानी छोड़ा जाएगा। रिपोर्टों के मुताबिक कांगड़ा पौंग डैम में 49,000 क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा क्योंकि पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

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